नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें ऊर्जा, खनिज, रक्षा, डिजिटल सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
इस बातचीत के बाद दोनों देशों ने 10 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें डिजिटल समाधान, खनिज संसाधनों की खोज और त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मंगोलिया की विकास यात्रा में एक मजबूत और भरोसेमंद साझेदार है। उन्होंने जोर दिया कि भारत की मदद से बन रही 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की तेल रिफाइनरी परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाएगी और यह भारत की विदेशों में सबसे बड़ी विकास साझेदारी परियोजनाओं में से एक है।“2500 से अधिक भारतीय पेशेवर इस परियोजना को मंगोलियाई साथियों के साथ मिलकर साकार कर रहे हैं,” – मोदी
राष्ट्रपति उखना चार दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुँचे। राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। उन्होंने भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर निभाई जा रही भूमिका की सराहना की और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में भारत के नेतृत्व को भी सराहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि मंगोलियाई नागरिकों को मुफ्त ई-वीज़ा दिया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच यात्रा और संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मंगोलिया का संबंध महज़ राजनीतिक या रणनीतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और आत्मीय बंधन पर आधारित है। दोनों देश बौद्ध धर्म से सदियों से जुड़े हुए हैं और यही उन्हें आध्यात्मिक सहोदर बनाता है।
मोदी ने बताया कि वर्ष 2026 में भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों – सारिपुत्र और मौद्गल्यायन के पवित्र अवशेषों को भारत से मंगोलिया ले जाया जाएगा। इसके साथ ही, भारत मंगोलिया के प्रतिष्ठित ‘गंदन मठ’ में एक संस्कृत शिक्षक भी भेजेगा, जिससे वहाँ बौद्ध ग्रंथों का गहन अध्ययन संभव हो सके।
“हमने 10 लाख प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण की परियोजना को भी जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है।” – मोदी
उन्होंने बताया कि नालंदा विश्वविद्यालय और गंदन मठ को आपस में जोड़ा जाएगा, ताकि भारत-मंगोलिया के ऐतिहासिक और बौद्धिक संबंधों को और गहराई दी जा सके।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि मंगोलिया की विकास यात्रा में भारत रक्षा, सुरक्षा, आईटी, ऊर्जा, खनन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में भागीदार है।“मुझे खुशी है कि भारत का निजी क्षेत्र भी मंगोलिया में निवेश और सहयोग के नए अवसरों की तलाश कर रहा है, खासकर ऊर्जा, डिजिटल, खनन, डेरी, कृषि और सहकारिता जैसे क्षेत्रों में।”
मोदी ने इस मौके पर कहा:“हमारा द्विपक्षीय संबंध दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच गहरे विश्वास, साझी सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और मंगोलिया मिलकर इस रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे और वैश्विक मंचों पर वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद करने में भी मिलकर काम करेंगे।