India is a "lighthouse of stability and growth" in turbulent global times: Vaishnav
नयी दिल्ली
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को अशांत वैश्विक समय के बीच भारत को ‘‘ स्थिरता एवं वृद्धि का प्रकाश स्तंभ ’’ बताया और वैश्विक उद्योग जगत के लोगों से देश के तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर परिवेश में निवेश करने का आग्रह किया।
सेमीकॉन इंडिया 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री वैष्णव ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के शुभारंभ के बाद से साढ़े तीन वर्ष में भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख किया।
मंत्री ने कहा, ‘‘ साढ़े तीन साल की छोटी सी अवधि में दुनिया भारत की ओर विश्वास से देख रही है। आज पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। एक इकाई की शुरुआती लाइन पूरी हो चुकी है... कुछ ही महीनों में दो और इकाइयां उत्पादन शुरू कर देंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम अभूतपूर्व समय में जी रहे हैं। वैश्विक नीतिगत उथल-पुथल ने भारी अनिश्चितता उत्पन्न कर दी है। इस अशांत समय में भारत स्थिरता एवं वृद्धि के प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है।’’
वैश्विक निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह करते हुए वैष्णव ने देश के स्थिर नीतिगत माहौल एवं सेमीकंडक्टर मिशन के पारदर्शी प्रबंधन का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में देश का इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है।
वैष्णव ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नए संयंत्रों को बढ़ावा मिलने से सेमीकंडक्टर की मांग हर तिमाही में बढ़ रही है, जिससे यह निवेश के लिए उपयुक्त समय है।
मंत्री ने भारत की प्रतिभाओं की विशाल एवं विस्तृत श्रृंखला पर भी जोर दिया और कहा कि 278 विश्वविद्यालयों को नवीनतम ईडीए (इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन) उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इससे 60,000 इंजीनियरिंग छात्र 1.3 करोड़ घंटे से अधिक काम कर पा रहे हैं।
इस बीच 17 छात्र दलों ने सफलतापूर्वक चिप तैयार की जो मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट की गई।
इसके अलावा वैष्णव ने भारत के जीवंत स्टार्टअप परिवेश पर प्रकाश डाला जो सेमीकंडक्टर तैयार करने वाले स्टार्टअप में निवेशकों का महत्वपूर्ण विश्वास आकर्षित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इन स्टार्टअप द्वारा विकसित बौद्धिक संपदाएं अग्रणी अंतरराष्ट्रीय विनिर्माताओं के उत्पादों में तेजी से समाहित हो रही हैं।