भारत, घाना ने संबंधों को समग्र साझेदारी तक बढ़ाया; रक्षा क्षेत्र में संबंधों को बढ़ाने पर विचार

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 03-07-2025
India, Ghana elevate ties to comprehensive partnership; consider enhancing ties in defence sector
India, Ghana elevate ties to comprehensive partnership; consider enhancing ties in defence sector

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा द्वारा रक्षा, खाद्य सुरक्षा और औषधि सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिए जाने के साथ भारत और घाना ने अपने संबंधों को समग्र साझेदारी के स्तर तक बढ़ा दिया है.
 
बुधवार को महामा के साथ वार्ता के तुरंत बाद अपने मीडिया वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत घाना की विकास यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं, बल्कि सह-यात्री भी है. दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक मोदी के पश्चिम अफ्रीकी देश की राजधानी पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई. मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे थे. विशेष सम्मान के तहत घाना के राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया. यह पिछले तीन दशक में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है.
 
दोनों नेताओं ने अपनी वार्ता में रक्षा सहयोग, खाद्य सुरक्षा और औषधि, विशेषकर टीकों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया. मोदी और महामा के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत विभिन्न क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज, मैंने और राष्ट्रपति ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को एक समग्र साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. भारत, घाना की राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ एक साझेदार ही नहीं, बल्कि एक सह-यात्री भी है. मोदी ने कहा, ‘‘कृषि के क्षेत्र में, राष्ट्रपति महामा के ‘फीड घाना’ कार्यक्रम को समर्थन देना हमारे लिए खुशी की बात होगा.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने टीका उत्पादन में सहयोग पर चर्चा की है. महामा ने कहा कि घाना भारत के साथ रक्षा सहयोग, टीका उत्पादन और कृषि मशीनरी की आपूर्ति पर औपचारिक समझौतों पर हस्ताक्षर करने का इच्छुक है. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देश ऐसे समय आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करेंगे जब घाना आईएमएफ कार्यक्रम में ऋण उपायों के बीच आर्थिक पुनर्गठन से गुजर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस खतरे से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं.’ मोदी ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में हमने आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है.’ उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में हम ‘‘एकजुटता से सुरक्षा’’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे. मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत-घाना सहयोग बढ़ाया जाएगा. उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला.
 
मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय कंपनियों ने करीब 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है. आज, हमने अगले पांच वर्ष में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान का अपना अनुभव घाना के साथ साझा करने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी.
 
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति महामा ने कृषि, खाद्य सुरक्षा, औषधि, टीके और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया. रवि ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति महामा स्पष्ट रूप से घाना को टीकों का केंद्र बनाने में रुचि रखते हैं और ‘ग्लोबल वैक्सीन एलायंस’ के सहयोग से तथा उस संदर्भ में कुछ विकास पहले ही हो चुका है.
 
वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि घाना भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में भी रुचि रखता है. उन्होंने कहा, ‘‘यहां भी सुरक्षा के मामले में घाना के लिए चिंताएं हैं, उत्तरी क्षेत्र, साहेल क्षेत्र से आतंकवाद और समुद्र में समुद्री डकैती चिंता का विषय हैं.’ मोदी ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में संघर्षों पर गंभीर चिंता व्यक्त की तथा बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए.’’
 
दोनों नेताओं ने ‘ग्लोबल साउथ’ के समक्ष आने वाले मुद्दों पर भी बात की. मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों ‘ग्लोबल साउथ’ के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं.’’ ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जी20 की हमारी अध्यक्षता के तहत अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली.’
 
पश्चिम अफ्रीका में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक घाना और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों की विशेषता मजबूत व्यापारिक और निवेश साझेदारी है.भारत घाना के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और घाना के निर्यात के लिए सबसे बड़ा गंतव्य है। साथ ही, भारत घाना से बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है. घाना एक बड़े आर्थिक पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इस संबंध में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.