India Day Parade: सिएटल में पहली बार इंडिया डे परेड, झलका भारत की विविधता का रंग

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 18-08-2025
India Day Parade: India Day Parade for the first time in Seattle, the color of India's diversity reflected
India Day Parade: India Day Parade for the first time in Seattle, the color of India's diversity reflected

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सिएटल की सड़कों पर पहली बार इंडिया डे परेड का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर ने न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय को अपनी जड़ों से जोड़ने का अवसर दिया, बल्कि अमेरिकी नागरिकों के सामने भारत की अनूठी सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत किया.
 
परंपरागत भारतीय वस्त्रों से सजे प्रतिभागी, ढोल-नगाड़ों की गूंज, रंग-बिरंगे झांकी वाहन और लोकनृत्य समूह इस परेड की खास पहचान बने। परेड की शुरुआत भारतीय तिरंगे के साथ हुई, जिसके बाद अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को दर्शाने वाले झांकियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहीं भरतनाट्यम और कथकली की प्रस्तुति हुई तो कहीं भांगड़ा और गरबा की धुन पर लोग झूम उठे.
 
सिएटल में आयोजित इस परेड में हजारों की संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग शामिल हुए. परेड का मकसद न केवल स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाना था बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना भी था.आयोजकों ने बताया कि “यह परेड भारत की उस आत्मा को दिखाती है, जहां अलग-अलग धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां एक धागे में बंधकर एकता का प्रतीक बनती हैं.”
 
इस मौके पर स्थानीय अमेरिकी नागरिक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे और उन्होंने भारतीय संस्कृति की विविधता का स्वागत उत्साहपूर्वक किया। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई इस जश्न का हिस्सा बना. कई अमेरिकी नागरिकों ने भारतीय पारंपरिक परिधान पहनकर परेड में भाग लिया और भारत-अमेरिका की दोस्ती की मिसाल पेश की.
 
इस परेड में बॉलीवुड संगीत की धुनों पर युवाओं की प्रस्तुतियां भी खूब सराही गईं. साथ ही, योग और ध्यान की झलकियों ने भारत की आध्यात्मिक धरोहर को भी उजागर किया. भारत के अलग-अलग राज्यों के व्यंजनों से सजे फूड स्टॉल्स पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी और ‘इंडिया डे परेड’ एक बहुरंगी उत्सव का रूप लेता गया.
 
परेड के समापन पर भारत और अमेरिका दोनों के राष्ट्रगान गाए गए. आयोजकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह परेड और भी भव्य रूप में आयोजित की जाएगी और सिएटल के सांस्कृतिक कैलेंडर में एक स्थायी परंपरा बन जाएगी.