पर्थ (ऑस्ट्रेलिया)
भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेना के चौथे संस्करण का सैन्य अभ्यास 'ऑस्ट्राहिंद 2025' सोमवार को पर्थ के इरविन बैरक्स में शुरू हुआ, यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त निदेशक जनरल, जन सूचना विभाग ने दी।
यह अभ्यास दोनों सेनाओं को शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में संयुक्त कंपनी स्तर की ऑपरेशंस करने के लिए तैयार करता है, जिससे उनकी सामंजस्य और परिचालन तत्परता बढ़ेगी।
डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से मंगलवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया गया कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग और गहरे मित्रता को और सुदृढ़ करता है, जो आपसी विश्वास और साझेदारी को मजबूती प्रदान करता है।
यह अभ्यास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाल ही में भारत की यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि दोनों देश अब रक्षा संबंधों को केवल साझेदार के रूप में नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सह-निर्माताओं के रूप में पुनः स्थापित करने के एक महत्वपूर्ण चरण पर खड़े हैं।
पिछली बार, तीसरा भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास 'ऑस्ट्राहिंद' नवंबर 2024 में महाराष्ट्र के पुणे के फॉरेन ट्रेनिंग नोड में संपन्न हुआ था। यह दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग और सामंजस्य बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
अधिकारिक बयान के अनुसार, इस दौरान सैनिकों ने दुश्मन ठिकाने पर छापा मारने और घायल सैनिकों को फर्स्ट एड देने जैसे युद्धक अभ्यास किए, जो दोनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और समझ विकसित करने में मददगार रहे।
सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के तहत दोनों दलों ने पुणे के प्रसिद्ध सिँहगढ़ किले का दौरा भी किया, जिससे उन्हें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभव प्राप्त हुआ। ऑस्ट्रेलियाई दल को 12 नवंबर 2024 को पुणे के प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) का भी दौरा करने का अवसर मिला।
यह अभ्यास 2022 में राजस्थान में शुरू हुआ था और तब से यह एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है।