In 2025, the UAE will break new cultural and knowledge records, strengthening its global presence.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
वर्ष 2025 संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए सांस्कृतिक और ज्ञान के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों का साल साबित हुआ। राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और रचनात्मकता को बढ़ावा देने की दिशा में यूएई ने कई अहम पहल कीं, जिनसे देश एक वैश्विक सांस्कृतिक और बौद्धिक केंद्र के रूप में और सशक्त होकर उभरा।
इस वर्ष संघीय और स्थानीय स्तर पर कई उच्च गुणवत्ता वाली सांस्कृतिक परियोजनाएं शुरू की गईं। अल खवानीज स्थित शेख जायद फार्म को देश का तीसरा राष्ट्रीय स्थल घोषित किया गया, जिसे संघ की स्थापना से जुड़े ऐतिहासिक फैसलों का साक्षी माना जाता है। कैबिनेट ने सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, दस्तावेजीकरण और संवर्धन के लिए एक संघीय कानून का मसौदा भी मंजूर किया।
संस्कृति मंत्रालय ने आधुनिक स्थापत्य विरासत के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय नीति शुरू की, जबकि शारजाह क्रिएटिव क्वार्टर की स्थापना से रचनात्मक परियोजनाओं को नया मंच मिला। रचनाकारों और कारीगरों के समर्थन के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए, जिनका उद्देश्य सांस्कृतिक पर्यटन और पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देना है।
2025 में कई प्रमुख संग्रहालयों का उद्घाटन हुआ, जिनमें ज़ायद नेशनल म्यूज़ियम, नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम अबू धाबी और टीमलैब फिनोमेना शामिल हैं। दुबई ने भी म्यूज़ियम ऑफ आर्ट की घोषणा की। पुरातात्विक खोजों में अल ऐन में लौह युग का कब्रिस्तान और उम्म अल क़ैवैन में नवपाषाण काल से जुड़े अवशेषों की खोज खास रही।
पुस्तक मेलों में भी रिकॉर्ड बने। शारजाह अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में 14 लाख से अधिक लोग पहुंचे, जबकि अबू धाबी पुस्तक मेले में चार लाख से ज्यादा आगंतुक आए। यूएई ने मोसुल में वैश्विक विरासत के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाई और यूनेस्को में उपाध्यक्ष चुना गया। इन उपलब्धियों ने 2025 को यूएई के सांस्कृतिक इतिहास में स्वर्णिम वर्ष बना दिया।