इमरान नापाक इरादों वाले, भारत के अंदरूनी मामले में दखल न दें, मदरसों में मिले दुनियावी तालीमः इंद्रेश

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 01-12-2021
इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार

 

नई दिल्ली. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक और वरिष्ठ संघ नेता इंद्रेश कुमार ने देश के उलेमाओं से कहा कि मदरसे में सिर्फ दीनी और मजहबी तालीम न दें, बल्कि स्किल डेवलपमेंट, कंप्यूटर शिक्षा और दूसरी सभी तालीम भी दें. उन्होंने सीएए और एनआरसी की हिमायत की और विश्वास दिलाया कि दूसरे देशों के सताए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी सीमा में रहने की नसीहत दी.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की निंदा करने पर इमरान खान की कड़ी आलोचना करते हुए वरिष्ठ संघ नेता ने कहा कि दुनिया के मुसलमानों के लिए क्या अयोध्या राम मंदिर समस्या है?

इंद्रेश कुमार ने कहा कि मदरसे अपनी जमीन को सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित रखें. मदरसों में गैर-कानूनी कामों को बढ़ावा देकर चंद लोग पूरे इस्लाम का नाम खराब करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों पर सख्ती की जरूरत है, ताकि ये दहशतगर्द इस्लाम, मुसलमान, मुल्क व मिल्लत का नाम न खराब कर सकें.

वरिष्ठ आरएसएस नेता ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा, ‘माता-पिता एवं अभिभावकों को चाहिए कि वे भले ही आधे पेट खाएं, लेकिन अपने नौनिहालों को बेहतरीन शिक्षा दें. उन्हें देशभक्ति और वतन के शहीदों की कहानियां भी बचपन से सुनाएं, ताकि अगली पीढ़ी हमारी गुजरी हुई पीढ़ी और गुजरे हुए कल की इज्जत करते हुए अपना भविष्य रोशन बनाए.’

इमरान खान ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की निंदा की थी. संघ नेता ने इसका जवाब देते हुए कहा कि दुनिया के मुसलमानों के लिए क्या अयोध्या राम मंदिर समस्या है? आप भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने में इतनी दिलचस्पी क्यों रखते हैं? हिंदू दुनिया में जहां कहीं भी रहते हैं, उस देश के कानूनों के मुताबिक रहते हैं.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक ने कहा कि इमरान को समझना चाहिए कि जब चीन के वुहान में कोविड 19 वायरस फैला, तो भारत ने मालदीव और बांग्लादेश समेत कई देशों के लोगों को धर्म की परवाह किए बिना बचाया. संघ नेता ने कहा कि इमरान खान जैसे नापाक इरादा रखने वालों को यह समझने की जरूरत है कि भारत ने मानवीय तरीके से ऐसा किया और इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया.

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तीन तलाक पर कानूनी रोक से मुस्लिम महिलाओं की न केवल जिंदगी संवरी है, बल्कि इस्लाम के सही जज्बे को भी लोगों ने समझा है. इस्लाम में तीन तलाक जैसी चीजों को जायज नहीं माना जाता है और रसूल को भी ये नापसंद था. इसलिए तीन तलाक पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कानून लाने की जो मुहिम चली थी, वह औरतों को बेरहम मर्दो से इंसाफ दिलाने के लिए और बच्चों को उनका अधिकार दिलाने के लिए था, जिसे लोगों ने खुले दिल से स्वीकार किया.

संघ नेता ने कहा, ‘औरतें हर काम में सफलता प्राप्त करने में सक्षम हैं, आप मौका तो दें.’

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक ने सीएए और एनआरसी की हिमायत करते हुए कहा कि असम और देश के कई राज्य दूसरे देशों के बॉर्डर से जुड़ते हैं, जो हिंदुस्तान में घुसपैठ कर हिंसा और आतंक का माहौल बनाए रखना चाहते हैं और इन्हीं सब पर लगाम के लिए सरकार ने एनआरसी की कवायद शुरू की थी. असम और भारतवर्ष में दूसरे देशों की सताई हुई माइनॉरिटी को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

संघ नेता ने कहा कि एक समय बांग्लादेश में लगभग 30 प्रतिशत हिंदू थे, लेकिन आज की तारीख में घटकर मात्र 9 प्रतिशत रह गए हैं. वहां हिंदुओं पर होने वाले जुल्म और अत्याचार के कारण आज बांग्लादेशी हिंदुओं की तादाद 21 फीसदी कम हो गई है. लोग मारे जा रहे हैं और महिलाओं के साथ जोर-जबरदस्ती हो रही है. ऐसे में एक सहिष्णु देश होने के कारण भारत में ऐसे प्रताड़ित लोगों को भी नागरिकता मिलनी चाहिए.