नई दिल्ली
दिल्ली में मंगलवार तड़के हुई तेज बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। राव तुलाराम मार्ग से जलभराव की तस्वीरें सामने आईं, जहां वाहन पानी में फंसे रास्तों से गुजरते दिखाई दिए।
मंगलवार सुबह दिल्ली के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। मिंटो ब्रिज, विजय चौक, मोती बाग फ्लाईओवर, रफी मार्ग और निज़ामुद्दीन फ्लाईओवर सहित कई क्षेत्रों में भारी वर्षा दर्ज की गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मंगलवार का पूर्वानुमान “मेघगर्जन के साथ बारिश” का है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही मचा दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के मुताबिक, 20 जून से 11 अगस्त तक बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में 229 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 119 की मौत वर्षा-जनित हादसों में और 110 की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई।
इस अवधि में राज्य को मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति, कृषि, बागवानी, पशुधन और बुनियादी ढांचे को मिलाकर कुल 2,00,741.57 लाख रुपये (2,007 करोड़ रुपये से अधिक) का नुकसान हुआ। इसमें 1,611 मवेशियों और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत भी शामिल है।
बारिश ने बुनियादी ढांचे को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सड़कों को 1,07,181.80 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जबकि जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं को 68,299.78 लाख रुपये और बिजली आपूर्ति ढांचे को 13,946.69 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा। स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी विकास तथा पशुपालन विभागों को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
राज्य में 916 मकान पूरी तरह ढह गए और 27,366 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा, 627 गौशालाएं और 951 श्रमिक झोपड़ियां/शेड नष्ट हो गए।
जिला-वार आंकड़ों के अनुसार, बारिश से सबसे अधिक मौतें कांगड़ा (26) में हुईं, इसके बाद मंडी (23), चंबा (9), कुल्लू (10), किन्नौर (8), लाहौल-स्पीति (5), शिमला (6), बिलासपुर (7), ऊना (7), हमीरपुर (13), सिरमौर (2) और सोलन (3) में मौतें दर्ज की गईं। सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें मंडी (21) में हुईं, इसके बाद चंबा (17), शिमला (15), कांगड़ा (9), किन्नौर (8), कुल्लू (8), सोलन (12), हमीरपुर (3), बिलासपुर (3), सिरमौर (7), ऊना (6) और लाहौल-स्पीति (1) में मौतें हुईं।
अधिकारियों के अनुसार, बहाली का काम जारी है, लेकिन लगातार हो रहे भूस्खलन, सड़क अवरोध और भारी बारिश से गति धीमी पड़ गई है। एसडीएमए ने संवेदनशील क्षेत्रों में खतरा बढ़ने की चेतावनी देते हुए लोगों से सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।