आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर शेष क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराए जाने के अनुरोध वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी.
मंगलवार को जब यह मामला न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में सुनवाई के लिए आया तो अदालत को अवगत कराया गया कि मुस्लिम पक्ष के वकील अस्वस्थ होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके.
अदालत ने इसे ध्यान में रखते हुए सुनवाई स्थगित कर दी और मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात अक्टूबर तय की गई है..
यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश द्वारा 21 अक्टूबर 2023 को पारित उस आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल वादकारियों में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी.
राखी सिंह ने यह भी कहा है कि वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण इस दृष्टि से भी आवश्यक है कि इससे संपूर्ण परिसर के धार्मिक स्वरूप का निर्धारण किया जा सकेगा.
एएसआई पहले ही वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का एक सर्वेक्षण कर चुका है और उसने अपनी रिपोर्ट वाराणसी के जिला न्यायाधीश को सौंप दी है। यह सर्वेक्षण 21 जुलाई 2023 को पारित आदेश के तहत किया गया था.