20 सितंबर का इतिहास : आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने आत्मसमर्पण किया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 20-09-2025
History of September 20: Last Mughal Emperor Bahadur Shah Zafar surrendered
History of September 20: Last Mughal Emperor Bahadur Shah Zafar surrendered

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
 
 
भारत के इतिहास में 20 सितंबर की तारीख बहुत अहम है। वर्ष 1857 में इसी दिन अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को आत्मसमर्पण करना पड़ा था और उन्हें ब्रिटिश मेजर होसॉन ने पकड़ लिया था.
 
दरअसल, मई 1857 में आजादी की पहली लड़ाई शुरू हुई थी जिसके बाद अंग्रेजों ने मौजूदा पुरानी दिल्ली की तीन महीने तक घेराबंदी किए रखी थी। 14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई थी तथा शहर पर उनका कब्जा हो गया था। सत्रह सितंबर को बहादुर शाह ज़फर को लालकिला छोड़ना पड़ा, जबकि 20 सितंबर को उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें कैदी बनाकर उसी किले में लाया गया था जहां उनका हुक्म चलता था.
 
देश-दुनिया के इतिहास में 20 सितंबर की तारीख में दर्ज अन्य घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
 
1831 : भाप से चलने वाली पहली बस बनाई गयी.
 
1857 : अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फर ने आत्मसमर्पण किया। कैदी बनाकर लाल किले लाए गए.
 
1878 : मद्रास के अखबार द हिंदू के साप्ताहिक संस्करण का प्रकाशन शुरू। जी. एस. अय्यर इसके संपादक थे.
 
1933 : सामाजिक कार्यकर्ता और भारत की स्वतंत्रता के लिए कार्य करने वाली अंग्रेज़ महिला एनी बेसेंट का निधन.
 
1942 : भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ का निधन.
 
1949 : प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट का जन्म.
 
1983: एप्पल उपग्रह ने कार्य करना बंद किया.
 
1999 : तमिल सिनेमा की स्वप्न सुंदरी के नाम से प्रसिद्ध अभिनेत्री राजकुमारी का निधन। उनकी फिल्म हरिदास 114 सप्ताह तक चेन्नई के सिनेमाघर में चली थी.
 
2001 : अमेरिका ने 150 लड़ाकू विमान खाड़ी में उतारे.
 
2006 : ब्रिटेन के रॉयल बॉटैनिक गार्डन्स के वैज्ञानिकों को 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली.
 
2018 : भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने की घोषणा।
 
2021: चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री बने.
 
2023: लोकसभा ने महिला आरक्षण से जुड़े ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दी। इसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है.