Development of fully indigenous technology is necessary for cyber security: IT Secretary
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सचिव एस कृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि भारत साइबर सुरक्षा के लिए विदेशी समाधानों पर निर्भर नहीं रह सकता और इस क्षेत्र में पूरी तरह से घरेलू प्रौद्योगिकी होनी चाहिए.
कृष्णन ने यहां एक कार्यक्रम में वैश्विक स्तर पर क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने की होड़ पर चिंता भी जताई। क्वांटम कंप्यूटर को फिलहाल मौजूद किसी भी एन्क्रिप्शन को तोड़ने में सक्षम माना जाता है.
वह सरकारी साइबर सुरक्षा इकाई सीईआरटी-इन (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) और साइबर सुरक्षा फर्म एसआईएसए द्वारा क्वांटम साइबर तैयारी पर एक श्वेतपत्र जारी करने के बाद बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, "साइबर सुरक्षा के बारे में अधिक जागरूकता होनी चाहिए। हम इस क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान दें ताकि देश में क्षमता विकसित हो सके, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम किसी और पर निर्भर नहीं रह सकते। इस क्षेत्र में हमारे पास हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों में पूर्ण रूप से घरेलू समाधान होने चाहिए."
कृष्णन ने कहा कि साइबर सुरक्षा किसी भी अन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र की तरह नहीं है जहां किसी अन्य स्थान के समाधानों का उपयोग किया जा सकता है.
क्वांटम साइबर तैयारी पर प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक, वर्ष 2030 के बाद सुरक्षा की आवश्यकता वाले किसी भी आंकड़े को तत्काल जोखिम में माना जाना चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक, "राष्ट्र-राज्य और परिष्कृत जोखिम पैदा करने वाले तत्व भविष्य में क्वांटम डिक्रिप्शन क्षमताओं की उम्मीद में पहले से ही एन्क्रिप्टेड डेटा को एकत्रित और संग्रहीत कर रहे हैं."