General Upendra Dwivedi reviewed the security arrangements, took stock of the preparations for the Amarnath Yatra
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय सेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा ग्रिड की समीक्षा की और आगामी श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. यह यात्रा आगामी 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त, रक्षा बंधन के दिन संपन्न होगी.
जनरल द्विवेदी की इस समीक्षा के दौरान उन्हें वर्तमान ऑपरेशनल स्थिति और रणनीतिक परिदृश्य की विस्तृत जानकारी दी गई. सेना के जनसंपर्क विभाग (ADG-PI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस दौरान जनरल द्विवेदी को आधुनिक तकनीकों के परिचालन में एकीकरण की भी जानकारी दी गई, जिससे निर्णय क्षमता, निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली और अधिक प्रभावी बन सके.
पोस्ट में बताया गया "जनरल उपेंद्र द्विवेदी, COAS, ने कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों का आकलन किया. उन्हें वर्तमान परिचालन गतिशीलता और व्यापक रणनीतिक परिदृश्य की जानकारी दी गई, जिसमें उन्नत तकनीकों के उपयोग की भी प्रस्तुति दी गई. जनरल द्विवेदी ने चिनार कॉर्प्स के सभी रैंकों के जवानों की भी सराहना की, जो आतंकवाद विरोधी अभियानों, क्षेत्र में शांति बहाली और स्थानीय आबादी के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेना का योगदान केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक विकास में भी वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. "COAS ने चिनार कॉर्प्स के सभी रैंकों की आतंकवाद विरोधी अभियानों, शांति बहाली और स्थानीय जनता के उत्थान के लिए की गई प्रतिबद्धता की सराहना की," — ADG-PI के पोस्ट में लिखा गया.
अमरनाथ यात्रा से पहले आपदा प्रबंधन विभाग की मॉक ड्रिल
इससे एक दिन पहले, जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग ने पहलगाम में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) की स्थिति का अभ्यास करने के लिए एक मॉक ड्रिल आयोजित की थी. इस अभ्यास में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, अनंतनाग जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं की टीमें शामिल रहीं. अभ्यास का उद्देश्य यात्रा मार्ग पर किसी भी संभावित आपदा — जैसे बाढ़ या दुर्घटना — से निपटने के लिए तैयारी और प्रतिक्रिया प्रणाली को परखना था. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में दर्शन किए थे.
आपदा प्रबंधन विभाग की उप सचिव स्नोबर जमीला ने एएनआई से बातचीत में बताया: "यह हमारे लिए एक बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। मौसम की बदलती स्थितियों, बादल फटने जैसी घटनाओं को देखते हुए हमें पहले से ही तैयार रहना जरूरी है. हमने न केवल कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है, बल्कि पहले से ही बचाव और रोकथाम के उपाय लागू कर दिए हैं. इस वर्ष की श्री अमरनाथ यात्रा आगामी 3 जुलाई 2025 से आरंभ होकर 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। प्रशासन और सेना दोनों ही स्तरों पर सुरक्षा व्यवस्था और आपदा से निपटने के लिए उन्नत योजनाएं तैयार की जा रही हैं, ताकि हर श्रद्धालु की यात्रा सुरक्षित और सुगम हो. सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की इस साझा तैयारी से यह स्पष्ट है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सुरक्षा और प्रबंधन के स्तर पर भी एक मॉडल के रूप में पेश की जा रही है.