ब्रिटेन के साथ एफटीए से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा लाभ: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-07-2025
FTA with Britain will benefit Indian economy: RBI Governor Sanjay Malhotra
FTA with Britain will benefit Indian economy: RBI Governor Sanjay Malhotra

 

मुंबई

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को लाभ मिलेगा और भारत को इसी तरह के अन्य द्विपक्षीय समझौतों की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहिए।

मुंबई में आयोजित एफई मॉडर्न बीएफएसआई शिखर सम्मेलन में बोलते हुए मल्होत्रा ने कहा कि आज के वैश्विक परिदृश्य में बहुपक्षीय व्यवस्था कमजोर पड़ रही है और अब द्विपक्षीय समझौते ही आगे बढ़ने का रास्ता हैं।

उन्होंने कहा,“ब्रिटेन के साथ FTA से हमें मदद मिलेगी... और अब यही आगे बढ़ने की दिशा है, क्योंकि बहुपक्षवाद अब पीछे छूट गया है।

अमेरिका से भी बातचीत प्रगति पर

आरबीआई गवर्नर ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और भारत अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौतों पर चर्चा कर रहा है।

गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन के बीच जिस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं, उसे "व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (CETA)" कहा गया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की मौजूदगी में लंदन में हस्ताक्षर हुए।

जेरोम पॉवेल को सराहना, फेड की स्वतंत्रता का समर्थन

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल के काम की सराहना करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंकों की स्वतंत्रता बेहद महत्वपूर्ण है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेड की नीतियों को लेकर असंतोष जताया था।

वो (पॉवेल) अच्छा काम कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता बनाए रखना जरूरी है।

क्रिप्टो पर सरकार कर रही विचार

क्रिप्टोकरेंसी विनियमन पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर विचार के लिए एक समिति बनाई है, जो आरबीआई की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी।

ब्रिक्स मुद्रा नहीं, रुपये को बनाना है लोकप्रिय

उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रिक्स देशों के लिए कोई साझा मुद्रा विकसित करने पर इस समय काम नहीं हो रहा है। भारत की प्राथमिकता रुपये को अधिक लोकप्रिय बनाना है।

रुपये में व्यापार को बढ़ावा

मल्होत्रा ने कहा कि भारत का यूएई के साथ रुपये में व्यापार को लेकर समझौता हो चुका है और मालदीव के साथ भी ऐसी पहल पर विचार चल रहा है।

अमेरिकी डॉलर बना रहेगा वैश्विक मुद्रा

उन्होंने माना कि अमेरिकी डॉलर निकट भविष्य में वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अपनी प्रमुख भूमिका बनाए रखेगा, क्योंकि एक सार्वभौमिक सीमा-पार मुद्रा की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी।

रूस से तेल खरीद पर सरकार की रणनीति की प्रशंसा

गवर्नर ने रूस पर प्रतिबंधों के बावजूद भारत द्वारा तेल खरीद प्रबंधन के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय की भूमिका की भी सराहना की।इस बयान के जरिए आरबीआई ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग की नीति को प्राथमिकता दे रहा है।