ब्रिटेन पूर्व पीएम ऋषि सुनक ने सलीम चिश्ती की दरगाह पर की चादरपोशी, देखा ताजमहल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-02-2025
ब्रिटेन पूर्व पीएम ऋषि सुनक ने सलीम चिश्ती की दरगाह पर की चादरपोशी, देखा ताजमहल
ब्रिटेन पूर्व पीएम ऋषि सुनक ने सलीम चिश्ती की दरगाह पर की चादरपोशी, देखा ताजमहल

 

आगरा. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आज यानी 16 फरवरी को परिवार समेत फतेहपुर सीकरी पहुंचकर शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

फतेहपुर सीकरी के संरक्षण सहायक (पुरातत्व विभाग) दिलीप सिंह ने कहा, ‘‘ऋषि सुनक ने अपने पूरे परिवार के साथ पहले दीवान ए आम देखा. फिर जोधाबाई का किला देखने के बाद स्मारक में घूमे. वह शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में भी गए और चादर पेश की. दरगाह में ऋषि सुनक ने धागा भी बांधा.’’

अधिकारियों के मुताबिक, ऋषि सुनक परिवार के साथ 15 फरवरी को आगरा पहुंचे थे. पहले दिन उन्होंने परिवार के साथ ताजमहल का दीदार किया. वह दूसरे दिन 16 फरवरी को सपरिवार विश्व धरोहर फतेहपुर सीकरी पहुंचे. पत्नी अक्षिता, सास सुधा मूर्ति और दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का भी उनके साथ थीं. तकरीबन दो घंटे तक सुनक फतेहपुर सीकरी में रहे.

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ताजमहल देखने गए थे. ताज देखने के बाद उन्होंने एएसआई विजिटर बुक में लिखा- यह बेहद खूबसूरत है. दुनिया में कुछ ही जगहें इतनी खूबसूरत हैं कि बच्चों को पहली बार वहां जाने के लिए तैयार किया जा सके. परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह एक अनोखी यादगार जगह है. अक्षता मूर्ति ने युगों-युगों तक यादगार रहने वाली बात लिखी. ऋषि सुनक का रविवार सुबह सूर्योदय के समय ताजमहल देखने का कार्यक्रम था, लेकिन, उनकी बेटी कृष्णा और अनुष्का ताजमहल देखने के लिए आतुर थीं. उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और सास पद्म भूषण राज्यसभा सदस्य सुधा नारायण मूर्ति भी वहां मौजूद थीं.

पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाथ जोड़कर और नमस्ते करके पर्यटकों का अभिवादन किया. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपने परिवार के साथ सुबह विशेष विमान से खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से होटल अमर विलास चले गए. उन्हें रविवार सुबह सूर्योदय के समय ताजमहल देखने जाना था, लेकिन उनकी बेटियां कृष्णा और अनुष्का ताजमहल देखने के लिए उत्सुक थीं और उनकी दादी सुधा नारायण मूर्ति भी उनके साथ थीं. इसलिए वह सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय के समय ताजमहल देखने की बजाय सूर्यास्त के समय सूर्य की लालिमा से चमकते ताजमहल को देखने के लिए अपने परिवार के साथ बैटरी कार से शाम पांच बजे ताजमहल पहुंच गए.