Factional conflict started in banned Jamaat-e-Islami due to old leaders becoming active
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) संगठन में आंतरिक मतभेद बढ़ रहे हैं, जिसमें संगठन के पुराने नेता गुलाम मोहम्मद भट के नेतृत्व वाला एक समूह इस पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
कभी सैयद अली शाह गिलानी जैसे कट्टरपंथियों को हाशिये पर रखने के लिए ज़िम्मेदार रहा भट अब संगठन की 40-सदस्यीय प्रभावशाली 'शूरा' (सलाहकार परिषद) के 35 सदस्यों के समर्थन से फिर से सक्रिय हो रहा है.
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम गुप्त रूप से काम कर रहे प्रतिबंधित संगठन की एक रणनीतिक चाल है और सरकार के साथ गंभीर बातचीत करके पांच साल के प्रतिबंध को हटाने की कोशिश कर रहा है, जिसे हाल ही में और बढ़ा दिया गया था.
भट के सक्रिय होने से सीमा पार के निहित स्वार्थ वाले लोगों को परेशानी हो रही है, क्योंकि वह पहले भी जमात को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से अलग कर चुका है। हिजबुल मुजाहिदीन एक ऐसा संगठन है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को स्थानीय स्तर का बताने के लिए करती है.
सरकार का आरोप है कि जमात देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल है और इसका आतंकवादी संगठनों और अलगाववादी गतिविधियों से संबंध है.