आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
दुबई, सात सितंबर (भाषा) दुबई में ‘ई-कॉमर्स’ व्यवसाय, भारत में ‘डी2सी ब्रांड’, सिंगापुर और मलेशिया में ‘किकस्टार्टर’ तथा घाना, अमेरिका, अर्जेंटीना और यूरोप में व्यवसाय स्थापित करना --- यह किसी व्यवसायी की इच्छा सूची नहीं है, बल्कि यहां के ‘टेट्र कॉलेज ऑफ बिजनेस’ में चार-वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय उद्यमी प्रथम मित्तल द्वारा स्थापित इस बी-स्कूल ने इस सप्ताह अपने विद्यार्थियों के दूसरे समूह का स्वागत किया।
इस व्यापार प्रबंधन संस्थान के 110 विद्यार्थियों के पहले समूह ने दुबई और भारत में 44 उद्यम स्थापित किए, जिनसे 300,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। ‘सर्वक्लब (पिकलबॉल उपकरण)’ और ‘कॉसमॉस (समुद्री शैवाल आधारित सप्लीमेंट्स)’ जैसे ‘स्टार्टअप्स’ ने बड़े निवेशकों से ‘एंजेल फंडिंग’ जुटाई।
‘टेट्र’ का प्रमुख चार वर्षीय प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी स्नातक कार्यक्रम, शिक्षार्थियों को भारत, दुबई, सिंगापुर, मलेशिया, घाना, अमेरिका, अर्जेंटीना और यूरोप ले जाता है तथा वास्तविक दुनिया की उद्यमिता एवं शैक्षणिक बातों को विद्यार्थियों के सम्मुख लाता है।
वैसे तो विद्यार्थियों को ब्रिटेन के ‘मिडलसेक्स’ विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त होती है, लेकिन इस कार्यक्रम का आधार दुबई में है।
मित्तल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह एक स्नातक कार्यक्रम है, जहां हम परीक्षा, व्याख्यान, स्लाइड, ग्रेड, उपस्थिति और किताबों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये बातें आमतौर पर विद्यार्थी करते हैं। हर सेमेस्टर में, पूरे दिन कक्षाओं में बैठकर परीक्षा देने के बजाय, विद्यार्थियों को हर सेमेस्टर में एक अलग देश में एक व्यवसाय शुरू करना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उन्हें दुबई में एक ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करना होगा। इसके बाद, वे भारत जाएंगे जहां वे एक डी2सी ब्रांड बनाएंगे। फिर वे सिंगापुर जाएंगे जहां उन्हें वास्तव में एक किकस्टार्टर बनाना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिर चौथे चरण में, उन्हें मलेशिया और उसके बाद घाना, अमेरिका और यूरोप में नया व्यवसाय स्थापित करना होता है। उनके अंकों या ग्रेड के बजाय, उनका राजस्व, मार्जिन और लाभ ही वे वास्तविक मानदंड हैं, जिनके आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाता है।’’