विशेषज्ञों की राय-कश्मीर घाटी में निहत्थे की हत्या, आईएसआई की नई रणनीति

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
-कश्मीर घाटी में निहत्थे की हत्या, आईएसआई की नई रणनीति
-कश्मीर घाटी में निहत्थे की हत्या, आईएसआई की नई रणनीति

 

आवाज द वाॅयस नई दिल्ली
 
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ हफ्तों से आतंकवादियों द्वारा निहत्थे नागरिकों की हत्या का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम लोगों में दहशत का माहौल है. हाल में कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या एक बड़ी पाकिस्तानी साजिश की ओर इशारा करती है.
 
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की आईएसआई ने डर और आतंक का माहौल बनाने को घाटी में नागरिकों और निहत्थे नागरिकों को मारने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है.जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वेडे का कहना है कि पिछले दो वर्षों में सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़पों में वांछित आतंकवादी कमांडरों सहित सैकड़ों आतंकवादी मारे गए हैं.
 
मैं उलझन में हूं. इसलिए उन्होंने नागरिकों को निशाना बनाने की नई रणनीति अपनाई है. एसपी वेडे ने कहा कि निहत्थे लोगों को मारना कोई मुश्किल काम नहीं है,क्योंकि आतंकवादियों में कोई हताहत नहीं हुआ है. इसलिए, वे लक्षित हत्याओं को अंजाम देकर लोगों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि आतंकवाद का असली उद्देश्य है.
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई वर्षों से चरमपंथी सोच फल-फूल रही है, जिसके तहत वे अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने में सफल रहे हैं. वे कश्मीर में उसी योजना को लागू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटी में कश्मीरी शरणार्थियों के पुनर्वास की योजना से पाकिस्तान की आईएसआई भी परेशान है.
 
डॉ. एसपी वेडे ने कहा कि श्रमिकों की हत्या भी आतंकवादियों के इस विचार से प्रेरित थी कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डाले. उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को अंजाम देने के लिए यह जरूरी है कि कश्मीर में मजदूर वर्ग के लोग उपलब्ध हों,ताकि आतंकवादी उन्हें गोली मार सकें और उन्हें कश्मीर से बाहर निकाल सकें.
 
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं को अंजाम देने का एक और उद्देश्य देश के अन्य हिस्सों के निवेशकों को कश्मीर में निवेश करने से हतोत्साहित करना है.क्योंकि आईएसआई और पाकिस्तान को लगा कि कश्मीर में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.यहाँ के युवा अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. और वे आतंकवादियों के बहकावे में नहीं आएंगे जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की योजना के विपरीत है.
 
पूर्व डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसा माहौल बनाने के लिए आईएसआई और आतंकी संगठनों ने पहले भी इसी तरह के प्रयास किए थे. हालांकि, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी योजना को विफल कर दिया. डॉ एसपी वेडे ने कहा कि मौजूदा स्थिति चिंता का कारण हो सकती है, लेकिन गंभीरता से विचार करते हुए आईएसआई की नई रणनीति को विफल करने के लिए रणनीति तैयार की जा सकती है.
 
उन्होंने कहा कि लक्षित हत्याओं में शामिल आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की जरूरत है ताकि इस तरह की और हत्याओं से बचा जा सके. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चालू वर्ष के दौरान कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा 32 निहत्थे लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.