Equal access to quality education will be ensured in MP: Minister Kunwar Vijay Shah
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
मध्यप्रदेश में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु आगामी
तीन वर्षों में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा तथा प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जायेगी।
मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने मंगलवार को दो साल की विभागीय उपलब्धियों पर आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी तीन वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, लैब एवं लाइब्रेरी सुविधाओं का उन्नयन किया जायेगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में संदीपनि विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जायेगी।’’
उन्होंने बताया कि जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन किया जायेगा। जनजातीय समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए 86 जनजातीय विकास खण्डों में कला भवन की स्थापना की जायेगी।
डॉ. शाह ने कहा कि डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है। सात उत्पादों की जी.आई. टैग की प्रक्रिया प्रचलित है, जिसमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया एवं गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि गुजरात के केवड़िया में संचालित जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर पचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच एवं बांधवगढ़ में कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है। जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कैफेटेरिया का संचालन किया जायेगा। इससे जनजातीय महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा तथा जनजातीय संस्कृति का भी संरक्षण होगा।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की चर्चा करते हुए डॉ. शाह ने बताया कि 13 लाख 43 हजार से अधिक जनजातीय जनसंख्या लाभान्वित हो रही है। यह अभियान में नौ मंत्रालयों की 11 अधोसंरचनात्मक एवं सात हितग्राही मूलक योजनाओं के माध्यम से अत्यंत पिछड़ी जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश की तीन जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया शामिल हैं।