रायपुर
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपये से अधिक के चिकित्सा आपूर्ति "घोटाले" की धन शोधन जाँच के तहत कई स्थानों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रायपुर, दुर्ग और आसपास के स्थानों पर कुछ सरकारी अधिकारियों, चिकित्सा आपूर्तिकर्ताओं और एजेंटों के अलावा कुछ "बिचौलियों" से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी की जाँच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) द्वारा अप्रैल में दायर किए गए आरोपपत्र पर आधारित है। यह आरोप पत्र 2023 में चिकित्सा उपकरणों और अभिकर्मक रसायनों की खरीद में कथित अनियमितताओं के लिए छह लोगों के खिलाफ दायर किया गया था, जिससे राज्य के खजाने को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने 22 जनवरी को रायपुर स्थित सरकारी कंपनी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ मोक्षित कॉर्पोरेशन (दुर्ग), सीबी कॉर्पोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी (पंचकुला, हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) सहित चार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि इस घोटाले में स्वास्थ्य केंद्रों में इन वस्तुओं की आवश्यकता/उपलब्धता की जाँच किए बिना अभिकर्मकों और उपकरणों की खरीद शामिल है। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने कहा था कि सीजीएमएससीएल ने मोक्षित कॉर्पोरेशन और उसकी फर्जी कंपनी के साथ मिलीभगत करके जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 के बीच अरबों रुपये की खरीदारी की है।