बैंक धोखाधड़ी के मामलों में दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गोवा में ईडी के छापे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 02-09-2025
ED raids in Delhi, Maharashtra, Tamil Nadu, West Bengal and Goa in bank fraud cases
ED raids in Delhi, Maharashtra, Tamil Nadu, West Bengal and Goa in bank fraud cases

 

नयी दिल्ली
 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के दो मामलों की जांच के सिलसिले में अलग-अलग कार्रवाई में मंगलवार को दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गोवा में छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
सूत्रों ने बताया कि ‘अरविंद रेमेडीज’ कंपनी और उसके प्रवर्तक अरविंद बी. शाह के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तमिलनाडु के चेन्नई और कांचीपुरम, कोलकाता और गोवा के कुछ परिसरों पर छापेमारी की गई।
 
उन्होंने बताया कि जुलाई 2021 का धन शोधन मामला अक्टूबर 2016 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है, जिसमें आरोपी कंपनी और उसके प्रवर्तक पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से करीब 637 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।
 
वित्त वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक की कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से प्राप्त कंपनी के ऑडिट किए गए खातों और 294 बैंक खातों का विश्लेषण किया गया। इस जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने एक विस्तृत ‘मनी ट्रेल’ (वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड) तैयार किया।
 
सूत्रों ने बताया कि बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला है कि बैंक से मिली रकम को प्रवर्तकों द्वारा नियंत्रित की जा रही ‘‘मुखौटा’’ कंपनियों के जरिए गलत तरीके से निकाल लिया गया।
 
एक अन्य मामले में ईडी ने ‘गुप्ता एक्ज़िम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के खिलाफ जांच के तहत कुल 10 परिसरों (दिल्ली में नौ और पुणे में एक) पर छापे मारे।
 
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज ईडी का यह मामला कंपनी, उसके प्रवर्तकों तथा निदेशकों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है। इन पर पंजाब नेशनल बैंक (पूर्व में ई-ओबीसी बैंक) से लिए गए लगभग 425 करोड़ रुपये के ऋण की हेराफेरी का आरोप है।
 
सूत्रों ने बताया कि ऋण की रकम का आरोपी कंपनी से जुड़ी अन्य कंपनियों में अवैध तरीके से उपयोग किया गया।