तिरुवनंतपुरम
केरल में रविवार को ईसाई समुदाय ने प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की स्मृति में ईस्टर का पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया. इस अवसर पर राज्यभर के गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएं, भव्य जुलूस, और पारंपरिक भोज का आयोजन किया गया.
सुबह से ही महिलाएं, बच्चे और श्रद्धालु बड़ी संख्या में गिरजाघरों में एकत्र हुए और ईस्टर विशेष प्रार्थना में भाग लिया. विभिन्न चर्च संप्रदायों के प्रमुख, बिशप और पादरियों ने प्रार्थना सभाओं का नेतृत्व किया और मसीह के संदेश को साझा किया.
ईस्टर, ईसा मसीह के सूली पर चढ़ाए जाने के बाद उनके पुनर्जीवित होने की स्मृति में मनाया जाता है, और यह पवित्र सप्ताह (Holy Week) की पूर्णता का प्रतीक होता है, जो उनके जीवन के अंतिम दिनों को याद करने का समय होता है.
ईस्टर के दिन 40 दिन के उपवास (लेंट) काल का भी समापन होता है. इस उपलक्ष्य में ईसाई परिवारों ने अपने घरों में शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों से युक्त विशेष भोज तैयार किया और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं.
इस मौके पर राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी जनता को ईस्टर की बधाई दी, और कई नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों के गिरजाघरों का दौरा कर पादरियों व श्रद्धालुओं से मुलाकात की.
राज्य में शांति, भाईचारे और एकता के संदेश के साथ ईस्टर पर्व का आयोजन पूरी भव्यता और श्रद्धा के साथ हुआ.