नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने डॉ. एस. एन. बसु द्वारा लिखित पुस्तक ‘कम्युनिकेशन इन हेल्थकेयर - प्रिंसिपल्स, स्किल्स एंड प्रैक्टिसेस’ का विमोचन किया। डॉ. बसु राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) की गवर्निंग बॉडी के सदस्य हैं और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख हैं।
इस पुस्तक में डॉक्टर, मरीज और उनके परिजनों के बीच विश्वास कायम करने में प्रभावी संवाद की भूमिका को रेखांकित किया गया है। वास्तविक अनुभवों, केस स्टडीज और शोध पर आधारित यह पुस्तक यह दर्शाती है कि कैसे स्पष्ट, करुणामय और सहानुभूतिपूर्ण संवाद मरीज की संतुष्टि, उपचार पालन और स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बना सकता है।
डॉ. बसु ने एएनआई से बातचीत में कहा,“एक डॉक्टर के रूप में हम रोज़ मरीजों से मिलते हैं, उन्हें काउंसल करते हैं। लेकिन जब कोई मरीज या उनका परिवार हमारे पास आता है, तो उनके भीतर कई परतें छिपी होती हैं। कभी-कभी कोई शारीरिक समस्या असल में मानसिक या सामाजिक कारणों की अभिव्यक्ति होती है। अगर हम सही सवाल नहीं पूछते, सही ढंग से संवाद नहीं करते, तो हम मूल समस्या तक नहीं पहुंच सकते।”
उन्होंने आगे कहा,“एक छोटी सी कंसल्टेशन में सभी जवाब पाना मुश्किल होता है। इसलिए, संवाद के कुछ विशेष कौशल अपनाने की ज़रूरत है ताकि हम गहराई से समझ सकें कि मरीज को असल में क्या चाहिए। इस पुस्तक का उद्देश्य यही है कि स्वास्थ्य सेवाओं में संवाद को व्यापक बनाया जाए और लोगों को यह एहसास कराया जाए कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण पक्ष है।”
पुस्तक के विमोचन अवसर पर, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा,“आज के तेजी से बदलते स्वास्थ्य सेवा तंत्र में संवाद उतना ही ज़रूरी है जितना कि क्लिनिकल कौशल। यह पुस्तक समय की मांग के अनुरूप है और इसे और अधिक मानवीय और मरीज-केंद्रित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।”
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने भी इस मौके पर संवाद की बढ़ती महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि आधुनिक चिकित्सा में संवाद की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।
डॉ. बसु ने इस पुस्तक को सभी मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया, जिन्होंने यह दिखाया है कि उपचार केवल दवाओं और प्रक्रियाओं से नहीं, बल्कि शब्दों, सहानुभूति और सुनने की कला से भी होता है।
प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अब उपलब्ध है और इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों, डॉक्टरों व स्वास्थ्य प्रशासन से जुड़े लोगों को डॉक्टर-मरीज संबंधों में सुधार के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में सेवा देना है।