जयपुर,
अफ्रीकी देश मोज़ाम्बिक में दिव्यांग लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगाने की दिशा में भारत की प्रसिद्ध जयपुर फुट पहल एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मोज़ाम्बिक के नामपुला शहर में चल रहे 60 दिवसीय विशेष शिविर के माध्यम से करीब 800 दिव्यांग व्यक्तियों को जयपुर फुट कृत्रिम अंगों से लाभ मिलने की उम्मीद है।
जयपुर फुट की मूल संस्था भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि यह शिविर नामपुला के सेंट्रल हॉस्पिटल में आयोजित किया जा रहा है। अब तक शिविर के माध्यम से लगभग 350 दिव्यांग लोगों को कृत्रिम अंग लगाए जा चुके हैं, जिससे वे फिर से चलने-फिरने और आत्मनिर्भर जीवन की ओर लौट रहे हैं।
बीएमवीएसएस के अनुसार, यह मानवीय पहल अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उदाहरण है। इस शिविर का आयोजन जयपुर के साथ-साथ हांगकांग, थाईलैंड, केन्या और मोज़ाम्बिक के प्रायोजकों की भागीदारी से संभव हो पाया है। इन देशों के सहयोग से न केवल तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, बल्कि प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम भी शिविर में सेवाएं दे रही है।
जयपुर फुट अपनी कम लागत, टिकाऊपन और स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल डिजाइन के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह कृत्रिम अंग खासतौर पर उन देशों के लिए उपयोगी साबित हुआ है, जहां संसाधनों की कमी के कारण दिव्यांगों को आधुनिक प्रोस्थेटिक सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हो पातीं।
शिविर से लाभान्वित हो रहे लोगों ने इसे अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट बताया है। आयोजकों का कहना है कि शिविर के शेष दिनों में और सैकड़ों दिव्यांगों को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।यह पहल भारत की मानवीय कूटनीति और सामाजिक सेवा के वैश्विक प्रभाव का एक सशक्त उदाहरण मानी जा रही है।






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