धनबाद
झारखंड के धनबाद जिले में स्थित बीसीसीएल की ब्लॉक-2भूमिगत बंद कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान छत ढहने की घटना सामने आई है। इसमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) की खदान बचाव टीम ने शुक्रवार को इस संदिग्ध हादसे के बाद संयुक्त बचाव अभियान शुरू किया।
अधिकारियों के अनुसार, एनडीआरएफ की 35सदस्यीय टीम और बीसीसीएल की 15सदस्यीय बचाव टीम ने शुक्रवार सुबह करीब 11:30बजे अभियान शुरू किया।
हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वास्तव में कितने लोग खदान में फंसे हैं। घटनास्थल पर स्थिति काफी भ्रमित करने वाली बनी हुई है। कुछ स्थानीय नेताओं ने दावा किया है कि हादसे में कई लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि धनबाद जिला प्रशासन और बीसीसीएल ने अभी तक किसी पुष्टि से इनकार किया है।
गिरिडीह के सांसद सी. पी. चौधरी ने घटनास्थल पर जल्द बचाव कार्य शुरू करने की मांग करते हुए बाघमारा थाने के बाहर धरना दिया, जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया।
बाघमारा थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि सांसद ने तीन संभावित स्थानों की पहचान की है, जहां श्रमिक फंसे हो सकते हैं। एक स्थान पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और शेष दो जगहों पर भी अभियान जल्द शुरू किया जाएगा।
यह घटना 22जुलाई की शाम को हुई थी, जब खदान की छत अचानक धंस गई और वहां कथित रूप से अवैध खनन कर रहे कई मजदूर फंस गए।एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि जेसीबी और अन्य जरूरी उपकरणों की कमी के कारण बचाव अभियान की रफ्तार धीमी है।
इधर, झारखंड के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कम से कम 15लोगों की मौत को छिपाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को जानबूझकर ताजी मिट्टी में दफन किया गया, ताकि साक्ष्य मिटाए जा सकें।
सांसद चौधरी ने भी दावा किया है कि कम से कम नौ श्रमिकों की जान इस हादसे में जा चुकी है।इन आरोपों के बीच, प्रशासन, बीसीसीएल और पुलिस अधिकारियों ने अब तक ऐसी किसी भी पुष्टि से इनकार किया है और कहा है कि घटना के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
हालात का जायज़ा लेने और राहत कार्यों की निगरानी के लिए मौके पर अधिकारी मौजूद हैं।