दिल्ली में दिसंबर का वायु गुणवत्ता सूचकांक सात वर्षों में सबसे खराब

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 29-12-2025
Delhi's December air quality index worst in seven years
Delhi's December air quality index worst in seven years

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
दिल्ली में 2018 के बाद से इस वर्ष दिसंबर में औसत एक्यूआई 349 के साथ सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जबकि पीएम2.5 प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र 3.5 प्रतिशत रहा। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
 
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिसंबर 2018 में राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया था।
 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में औसत एक्यूआई 294, 2023 में 348, 2022 में 319, 2021 में 336, 2020 में 332, 2019 में 337 और 2015 में 301 रहा।
 
इस महीने दिल्ली में पांच दिन वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में छह दिन ऐसी स्थिति रही थी।
 
सोमवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता शाम चार बजे 401 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई, जबकि रविवार को यह 390 के साथ 'अत्यंत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई।
 
सीपीसीबी के अनुसार, 0 से 50 के बीच का एक्यूआई 'अच्छा', 51 से 100 'संतोषजनक', 101 से 200 'मध्यम', 201 से 300 'खराब', 301 से 400 'बेहद खराब' और 401 से 500 'गंभीर' माना जाता है।
 
पर्यावरणविद् अमित गुप्ता द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर आवेदन के जवाब में सीपीसीबी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष पांच दिसंबर तक दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली का योगदान केवल 3.5 प्रतिशत था, जबकि दिल्ली-एनसीआर देश के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक बना हुआ है।
 
सीपीसीबी ने कहा कि वह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पीएम2.5 और पीएम10 प्रदूषण में विभिन्न स्रोतों के योगदान का आकलन करने के लिए 2018 के टेरी-एआरएआई स्रोत विभाजन अध्ययन पर निर्भर है। उसने कहा कि तब से कोई व्यापक स्रोत विभाजन अध्ययन नहीं किया गया है।