नई दिल्ली।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह करीब 8 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305 दर्ज किया गया, जिसके साथ ही हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।
यह गिरावट गुरुवार की तुलना में काफी तेज रही। गुरुवार शाम 4 बजे दिल्ली का AQI 234 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। शुक्रवार सुबह राजधानी के कई इलाकों में घना स्मॉग छाया रहा, जिससे दृश्यता भी काफी कम हो गई।
आईटीओ क्षेत्र में AQI 330 दर्ज किया गया, जहां घनी धुंध के कारण सड़क पर चलने वाले लोगों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी तरह अक्षरधाम और एम्स के आसपास भी स्मॉग की मोटी परत देखी गई।
सीपीसीबी के अनुसार, राजधानी के कई अन्य इलाकों में भी हवा की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। आनंद विहार में AQI 390, बवाना में 379, नरेला में 356 और आर.के. पुरम में 320 दर्ज किया गया। सिरीफोर्ट में भी AQI 317 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
हालांकि, दिल्ली के कुछ हिस्सों में हालात अपेक्षाकृत बेहतर रहे। एनएसआईटी द्वारका में AQI 253 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में है। श्री अरबिंदो मार्ग (258), मंदिर मार्ग (234) और आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 (239) में भी हवा ‘खराब’ रही, लेकिन ‘बहुत खराब’ स्तर से नीचे बनी रही।
सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, 0–50 ‘अच्छा’, 51–100 ‘संतोषजनक’, 101–200 ‘मध्यम’, 201–300 ‘खराब’, 301–400 ‘बहुत खराब’ और 401–500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
इस बीच, प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में कई अहम फैसले लिए हैं। रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने जल निकायों के पुनरुद्धार के लिए 100 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी है। दिल्ली में लगभग 1,000 जल निकाय हैं, जिनमें से 160 दिल्ली सरकार के अधीन आते हैं।
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि जल निकायों का पुनर्जीवन प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, होलंबी कलां में दिल्ली का पहला ई-वेस्ट पार्क स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई है, जो शून्य-अपशिष्ट और शून्य-प्रदूषण मॉडल पर आधारित होगा।
सरकार ने यह भी तय किया है कि ‘नो पीयूसीसी, नो फ्यूल’ अभियान को GRAP प्रतिबंध हटने के बाद भी जारी रखा जाएगा, ताकि वाहन प्रदूषण पर सालभर सख्ती बनी रहे। सरकार का दावा है कि इन कदमों से दिल्ली में वायु और जल प्रदूषण के स्रोतों में निर्णायक कमी आएगी।






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