आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर को विदाई दी.
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि कौर ने अपने फैसलों से ‘‘कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया.
सेवानिवृत्त हो रहीं न्यायमूर्ति कौर हाल ही में उस पीठ का हिस्सा थीं जिसने फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और सात अन्य को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
न्यायमूर्ति कौर ने उच्च न्यायालय के वकीलों और न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने फैसले "प्रतिबद्धता" के साथ सुनाए है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अपने पीछे कुछ छोड़ रही हूं तो वह कुछ लिखे हुए शब्द हैं, करुणा और कुछ ऐसे आदेश हैं जो पूरे विश्वास के साथ दिए गए. मेरा करियर कड़ी मेहनत और ईमानदारी से परिभाषित रहा। अगर कहीं चूक हुई तो वह निष्ठा की कमी से नहीं बल्कि सद्भावना में हुई होगी और अगर कहीं सफल रही हूं तो उसका श्रेय सभी को जाता है.
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि कौर को उनके सहकर्मियों, वकीलों और आम जनता द्वारा याद किया जाएगा.
मु्ख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उनके योगदान को न्यायपालिका का हिस्सा मानते हुए लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने अपने फैसलों से कई लोगों को प्रभावित किया है। वह न्यायिक व्यवस्था से विदा ले रही हैं और उनके सहयोगियों, अधिवक्ताओं और आम जनता को उनकी कमी खलेगी।’’वना का प्रसार करें.