आसियान सम्मेलन से पहले कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को किया याद

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-10-2025
Congress remembers Manmohan Singh ahead of ASEAN summit
Congress remembers Manmohan Singh ahead of ASEAN summit

 

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन में मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक से पहले कांग्रेस ने रविवार को याद दिलाया कि मलेशियाई प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर क्या कहा था।

कांग्रेस ने कहा कि यह संदेश उस सच्ची और गहरी मित्रता का प्रतीक है, जिसका कभी प्रचार नहीं हुआ, परंतु जो दिलों से जुड़ी थी।

कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने पिछले साल दिसंबर में डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद अनवर इब्राहिम द्वारा किए गए पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया।

अपने श्रद्धांजलि संदेश में मलेशियाई प्रधानमंत्री ने लिखा था, “मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर से मैं गहराई से दुखी हूं। उनके बारे में निश्चित रूप से कई श्रद्धांजलियां, लेख और पुस्तकें लिखी जाएंगी, जिनमें उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में याद किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा था कि प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने भारत को एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “मुझे इस परिवर्तनकारी दौर के शुरुआती वर्षों को करीब से देखने का सौभाग्य मिला, जब हम दोनों 1990 के दशक में अपने-अपने देशों के वित्त मंत्री थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी साझा प्रतिबद्धता थी — इतना कि एक बड़े मामले में भी हमने सहयोग किया था,” उन्होंने लिखा।

इब्राहिम ने कहा था कि आने वाले समय में डॉ. सिंह की जो भी प्रशंसा होगी, वह पूरी तरह से योग्य और न्यायोचित होगी।

उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह एक राजनीतिज्ञ के रूप में भले ही साधारण दिखते हों, लेकिन एक राजनेता के रूप में वे ईमानदारी, स्थिरता और दृढ़ता के प्रतीक थे। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”

इब्राहिम ने अपनी पोस्ट में एक निजी प्रसंग भी साझा किया था। उन्होंने लिखा, “मेरे लिए वे सिर्फ एक मित्र नहीं, उससे कहीं अधिक थे। बहुत कम लोग यह जानते हैं, लेकिन अब मैं इसे मलेशियाई जनता से साझा करना चाहता हूं — जब मैं जेल में था, उन्होंने एक ऐसी कृपा दिखाई जो न तो उन्हें करनी थी, न ही जिससे कोई राजनीतिक लाभ मिलता। उस कठिन समय में उन्होंने मेरे बच्चों, खासकर मेरे बेटे इहसान के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की। भले ही मैंने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया, लेकिन यह उनके असाधारण मानवीय गुणों और उदारता का प्रमाण था।”

उन्होंने आगे लिखा, “उन अंधकारमय दिनों में, जब मैं कारावास की भूलभुलैया में भटक रहा था, वे एक सच्चे मित्र की तरह मेरे साथ खड़े रहे। ऐसे शांत, करुणामय और विनम्र कार्य ही उन्हें परिभाषित करते थे। वे मेरे हृदय में हमेशा रहेंगे। अलविदा, मेरे मित्र, मेरे भाई — मनमोहन।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार मलेशिया नहीं जा रहे हैं और आसियान शिखर सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में आयोजित हो रहा है।

आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) और भारत के बीच संवाद संबंध वर्ष 1992 में शुरू हुए थे। दिसंबर 1995 में ये संबंध पूर्ण संवाद साझेदारी में और 2002 में शिखर सम्मेलन स्तर की साझेदारी में परिवर्तित हो गए।

साल 2012 में भारत-आसियान संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंचे। आसियान के 10 सदस्य देश हैं — इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया।पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के बीच व्यापार, निवेश, सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।