आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में नव उन्नत क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (Regional Forensic Science Laboratory) का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह आधुनिक एफएसएल लैब राज्य में अपराध जांच की दिशा बदलने वाली साबित होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के प्रत्येक मंडल में ऐसी आधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करना है।
उन्होंने कहा कि लैब अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो जांच की प्रक्रिया को तेज करेगी। इसमें उन्नत डीएनए सेंटर, डीएनए लैब, एआई, ड्रोन और रोबोटिक लैब जैसे आधुनिक उपकरण शामिल हैं।
सीएम योगी ने बताया, “हमने लखनऊ में आधुनिक स्टेट फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना की है। यह उन्नत फॉरेंसिक लैब उन सभी सुविधाओं से लैस होगी जो किसी भी जांच को तेजी से पूरा करने के लिए आवश्यक हैं। इस संस्थान में विश्वस्तरीय डीएनए लैब, एआई, ड्रोन और रोबोटिक लैब मौजूद है। हमारा लक्ष्य हर मंडल में ऐसी लैब स्थापित करना है।”
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक लैब वैन उपलब्ध कराई हैं। उन्होंने कहा कि ये मोबाइल लैब अपराध स्थल से साक्ष्य इकट्ठा करेंगी और अब किसी भी अपराधी को साक्ष्य के अभाव में छूटने नहीं दिया जाएगा। जांच के कुछ ही घंटों में विश्वसनीय साक्ष्य उपलब्ध हो सकेंगे।
सीएम योगी ने कहा, “अब पीड़ितों को न्याय पाने के लिए वर्षों इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। आधुनिक डीएनए पहचान तकनीक और अन्य सुविधाओं की मदद से अपराधियों को सजा से बचना मुश्किल होगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ स्थित स्टेट फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट युवाओं को शिक्षित कर उन्हें फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यहां प्रमाणपत्र, डिप्लोमा और डिग्री जैसे कई कोर्स जोड़े गए हैं।
अंत में, सीएम योगी ने कहा कि ये आधुनिक लैब अपराधियों, दुष्कर्मियों, आतंकवादियों, हत्यारों आदि के खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाकर पीड़ितों और उनके परिवारों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से स्थापित की गई हैं।