लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
बाढ़ संकट का जायजा लेते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 सदस्यीय मंत्रिस्तरीय टीम तैनात की है।
शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संवेदनशीलता, गति और पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया है।
मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि राज्य सरकार बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, भोजन, आश्रय और स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे तुरंत अपने-अपने जिलों का दौरा करें, राहत शिविरों का निरीक्षण करें और प्रभावित परिवारों से सीधे संपर्क करें। उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को जमीनी स्तर पर मौजूद रहने और चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
तत्परता पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी, जलभराव वाले क्षेत्रों से शीघ्र जल निकासी और राहत शिविरों में भोजन, दवा, स्वच्छता और महिलाओं व बच्चों की ज़रूरतों के लिए व्यापक व्यवस्था करने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राहत सामग्री और भोजन के पैकेट समय पर और उच्च गुणवत्ता के होने चाहिए, मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़ के कारण फसल क्षति, भूमि कटाव या घरेलू क्षति से प्रभावित किसानों को 24 घंटे के भीतर सहायता मिलनी चाहिए। पारदर्शिता और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए, उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समन्वय से सहायता वितरित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पशुधन सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने अधिकारियों को जलभराव वाले गाँवों से पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और उचित चारा एवं पशु चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि सभी बाढ़ प्रभावित अस्पतालों में सर्पदंश के मामलों में तत्काल और प्रभावी उपचार पर ज़ोर देते हुए, सर्प-विषरोधी और रेबीज-रोधी इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएँ।
आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि राहत आयुक्त द्वारा जारी पूर्व चेतावनी अलर्ट प्रभावित जिलों में जनता को तुरंत सूचित किए जाएँ। उन्होंने सभी विभागों द्वारा आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने पर ज़ोर दिया।
संभावित शहरी बाढ़ को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नालों की सफाई, पंपिंग स्टेशनों के संचालन और निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बैकअप जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पारदर्शी फसल नुकसान सर्वेक्षण में तेजी लाने और राजस्व एवं पंचायती राज विभागों के माध्यम से शीघ्र मुआवजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी बाढ़ इकाइयों की प्रभावी तैनाती पर ज़ोर दिया।
मुख्यमंत्री ने संकट के दौरान जनता का विश्वास बनाए रखने और एक मज़बूत संचार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए अफवाहों या गलत सूचनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि न हो, यह सुनिश्चित करना राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों - प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, शहरी और ग्रामीण निकायों - को आपस में समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन और एकीकृत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से निरंतर जन-सम्पर्क के महत्व पर बल दिया और अधिकारियों से पीड़ितों का मनोबल बढ़ाने के लिए संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित सभी 12 जिलों की उच्च-स्तरीय निगरानी के निर्देश दिए और नियमित रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय को अपडेट भेजने को कहा। बाढ़ संकट को सरकारी एकजुटता और तैयारियों की परीक्षा बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस चुनौती का सामना करेगी।