देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के बारामुला क्षेत्र में देश सेवा के दौरान शहीद हुए राइफलमैन सूरज सिंह नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने इस घटना को "बेहद दुखद समाचार" बताया।
सीएम धामी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:"मां भारती की सेवा करते हुए कोटद्वार के वीर सपूत राइफलमैन सूरज सिंह नेगी के शहीद होने का बेहद दुखद समाचार प्राप्त हुआ। आपकी वीरता और बलिदान को शत्-शत् नमन। आपकी वीरगाथा हमारी स्मृतियों में सदैव जीवित रहेगी। भावभीनी श्रद्धांजलि।"
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को भी दी श्रद्धांजलि
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फरनगर स्थित रामपुर तिराहा शहीद स्थल पर पुष्प अर्पित कर राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी।
यह श्रद्धांजलि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए कार्यकर्ताओं की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में दी गई।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि:
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रामपुर तिराहा शहीद स्थल के पुनर्विकास हेतु एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
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संग्रहालय की भव्यता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
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एक कैंटीन का निर्माण होगा और
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उत्तराखंड की बसों के ठहराव के लिए स्थान विकसित किया जाएगा।
"रामपुर तिराहा गोलीकांड—उत्तराखंड आंदोलन का काला अध्याय"
मुख्यमंत्री धामी ने कहा,"2 अक्टूबर, 1994 को हुआ रामपुर तिराहा गोलीकांड, उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास का सबसे दर्दनाक और काला अध्याय है।
उस दिन महिलाओं पर हुए अमानवीय अत्याचारों की याद आज भी हर उत्तराखंडी की रूह कंपा देती है।
जनता की रक्षा की जिम्मेदारी जिन पर थी, उन्होंने ही हिंसा और बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं।शांतिपूर्ण आंदोलन को **निर्दयता से कुचल दिया गया।यह दिन हमेशा याद दिलाएगा कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों के खून से सींची गई है।"
आंदोलनकारियों के लिए सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि:
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राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10% क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है।
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शहीद आंदोलनकारियों के परिजनों को ₹3,000 मासिक पेंशन दी जा रही है।
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घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को ₹6,000, जबकि
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सक्रिय आंदोलनकारियों को ₹4,500 प्रति माह पेंशन दी जा रही है।
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मान्यता प्राप्त आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं।
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93 आंदोलनकारियों की सरकारी सेवाओं में नियुक्ति की गई है।
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साथ ही उन्हें राज्य परिवहन की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया कि सरकार हर स्तर पर राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान करने के लिए तत्पर है।