असम सरकार : जुबिन गर्ग की मौत की जांच के लिए पुलिस सिंगापुर नहीं जा सकती

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-10-2025
Assam government: Police cannot go to Singapore to investigate Zubin Garg's death
Assam government: Police cannot go to Singapore to investigate Zubin Garg's death

 

गुवाहाटी, 4 अक्टूबर (भाषा) — असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य पुलिस गायिका जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत की जांच के लिए सिंगापुर नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि इस जांच के लिए सिंगापुर में मौजूद उन असमिया नागरिकों का वहाँ आना ज़रूरी है, जो उस घटना के समय नौका पर मौजूद थे।

गर्ग की मौत पर परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,“अगर सिंगापुर में मौजूद लोग यहां नहीं आएँगे, तो हम मामले की सभी कड़ियाँ नहीं जोड़ पाएँगे। नौका पर मौजूद मुख्य लोग वही थे।”

उन्होंने यह भी कहा कि असम पुलिस का वहाँ जाना संभव नहीं है क्योंकि मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्होंने जोड़ा,“जब तक वे (साक्षी / लोग) यहां नहीं आएँगे, हम आगे नहीं बढ़ सकते। इसलिए लोगों पर दबाव बनाना चाहिए कि वे जांच के लिए भारत आएँ।”


जुबिन गर्ग की मौत का मामला — कुछ विवरण

  • जुबिन गर्ग की मौत 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी।

  • वह पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे, जिसे श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी आयोजित कर रही थी।

  • मामले की जांच के लिए असम सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है, जबकि सीआईडी ने नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है।

  • सीआईडी ने असम एसोसिएशन, सिंगापुर के कुछ सदस्यों को 6 अक्टूबर तक जांच में हाजिर होने का नोटिस जारी किया है।

  • इस घटना में पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।


जहर देने का आरोप और आगे की कार्रवाई

जुबिन के ड्रमर शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जहर दिया गया था। इस दावे पर मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा कि यह पुलिस का बयान नहीं, बल्कि एक आरोपी का बयान है, और जांच आगे बढ़ने पर सत्य सामने आएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 अक्टूबर को विसरा रिपोर्ट आएगी, और 11 अक्टूबर तक सच सामने आने की उम्मीद है। उन्होंने यह ज़ोर देकर कहा कि पुलिस का काम है मामले को केस डायरी में दर्ज करना और सारी बातें तथ्यों के आधार पर सामने लाना।

हिमंत ने यह भी कहा कि असमवासियों को सिंगापुर में रहने वाले अपने समुदाय पर दबाव डालना चाहिए ताकि वे न्याय की प्रक्रिया में भाग लें। यदि जनता दबाव डाले, तो संबंधित लोगों को भारत लाना आसान होगा।

इस तरह, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार सिंगापुर तक पुलिस भेजने का अधिकार नहीं रखती और जांच आगे बढ़ने के लिए साक्षियों की भागीदारी अनिवार्य है।