कठुआ (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद रविवार को भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाया। अधिकारियों ने बताया कि इस आपदा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सात लोग घायल हुए हैं जिन्हें हेलीकॉप्टर से पठानकोट के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा ने कहा,"कठुआ में सड़कों और मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इस गांव में पांच लोगों की मौत हुई है और सात लोग घायल हुए हैं। घायलों को एयरलिफ्ट करके सैन्य अस्पताल भेजा गया है। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रभावितों को भोजन और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्थिति पर केंद्र सरकार की पैनी नजर होने की बात कही और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
"जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से कठुआ में बादल फटने की स्थिति पर बात की है। राहत और बचाव कार्य स्थानीय प्रशासन व एनडीआरएफ टीमें कर रही हैं। मोदी सरकार की ओर से हर प्रकार की मदद दी जाएगी। हम जम्मू-कश्मीर के अपने भाइयों और बहनों के साथ मजबूती से खड़े हैं।"
बचाव कार्य में भारतीय सेना अग्रणी भूमिका निभा रही है, जिसे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस और सिविल प्रशासन का सहयोग मिल रहा है।
इस बीच, किश्तवाड़ जिले में भी सुरक्षा बल बचाव और राहत कार्यों को तेज कर रहे हैं। 14 अगस्त को मचैल माता यात्रा के दौरान बादल फटने से आई बाढ़ में करीब 55 लोगों की मौत हो गई थी।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने इसे "बहुत दुखद" घटना बताया और प्रशासन पर रोकथाम एवं बचाव कार्यों में चूक के आरोप लगाए। उन्होंने कहा,
"48 घंटे पहले चेतावनी जारी की गई थी, फिर भी लोगों को वहाँ जाने की अनुमति कैसे दी गई? निश्चित रूप से बचाव कार्यों में कुछ कमी रही है।"
कठुआ की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है, लेकिन यह भी जरूरी है कि देखा जाए कि क्या सरकार और संबंधित विभाग पूरी तैयारी में थे और क्या समय पर बचाव कार्य हुए।
किश्तवाड़ में बाढ़ के बाद आवश्यक सेवाओं की बहाली पर भी काम चल रहा है। जम्मू संभाग के आयुक्त रमेश कुमार ने कहा,"यहाँ बड़े-बड़े बोल्डर थे, जिन्हें कल विस्फोट कर तोड़ा गया। संभावना है कि कुछ शव इनके नीचे दबे हों। बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल हो चुकी है। सेना की मदद से यहाँ पुल बनाया जा रहा है और मचैल में फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।"