Climate finance is a crucial issue, India will need $10 trillion by 2070: Bhupendra Yadav
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि जलवायु वित्त, जलवायु कार्रवाई के लिए ‘निर्णायक मुद्दा’ है और विकसित देशों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में ‘ग्लोबल साउथ’ का समर्थन करें.
उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि भारत को अपने ‘नेट-जीरो’ लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2070 तक 10 हजार अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की आवश्यकता होगी। उन्होंने वैश्विक वित्तीय प्रणालियों से पारदर्शिता, जवाबदेही और किफायत सुनिश्चित करते हुए निजी पूंजी को प्रवाहित करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक धन मौजूदा समस्या के स्तर पर ध्यान देने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता और न ही होगा। राजकोषीय गुंजाइश कम है.’
उन्होंने कहा कि जलवायु वित्त, विकास वित्त है.
मंत्री ने कहा, ‘‘स्वच्छ ऊर्जा, सक्षम शहर, जलवायु-अनुकूल कृषि और लचीला बुनियादी ढांचा अलग नहीं हैं; ये ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता की नींव हैं.
भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए यादव ने कहा कि ‘सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड’ ने निवेशकों का मजबूत विश्वास आकर्षित किया है, आरबीआई और सेबी जैसे नियामक हरित उपकरणों में जवाबदेही और विश्वसनीयता सुनिश्चित कर रहे हैं.