आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने करगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को शनिवार को श्रद्धांजलि दी.
शर्मा ने कहा कि करगिल में मिली जीत ने देश की सीमाओं की रक्षा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘करगिल विजय दिवस पर हम अपने बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने बर्फीली ऊंचाइयों पर दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें करारी शिकस्त दी.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वीर जवानों की बहादुरी ने न केवल भारत को जीत दिलाई बल्कि मां भारती के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.’
करगिल विजय दिवस भारत के अद्वितीय वीर सैनिकों की बहादुरी की याद दिलाता है.
हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। साल 1999 में इसी दिन भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की घोषणा की थी. उस समय लद्दाख के करगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों से तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारत को जीत हासिल हुई थी.
इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों ने द्रास, करगिल और बटालिक सेक्टरों में कठिन मौसमी स्थिति होने के बावजूद सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में युद्ध लड़ा और जीत हासिल की.
इस युद्ध में 500 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया तथा पाकिस्तानी घुसपैठियों से कब्जे वाले क्षेत्र का एक-एक इंच इलाका वापस हासिल किया था.