दलित व जनजाति वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति की समस्या का समाधान करें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ: मायावती

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 29-06-2025
Chief Minister Adityanath should solve the scholarship problem of Dalit and tribal students: Mayawati
Chief Minister Adityanath should solve the scholarship problem of Dalit and tribal students: Mayawati

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से संबद्ध कई जिलों के दर्जनों कालेजों के दलित व जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति का मामला उठाते हुए मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) से इसके समाधान का अनुरोध किया है.
 
बसपा प्रमुख ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से संबद्ध कई जिलों के दर्जनों कालेजों के हजारों एससी/एसटी वर्ग (अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग) के छात्र व छात्राओं की छात्रवृत्ति का सरकारी स्तर पर अब तक सही से समय पर निपटारा नहीं हो सका है.”
 
उन्होंने कहा कि इसके कारण छात्र-छात्राओं के भविष्य के अधर में लटकने के खतरे से लोगों में भारी बेचैनी व आक्रोश व्याप्त है. पूर्व मुख्यमंत्री ने ख़ुद को मिली जानकारी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन की ओर से भी इस सम्बंध में बार-बार पत्राचार के बावजूद लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग स्तर पर असंवेदनशीलता व लापरवाही बरती गई है.
 
उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि लगभग 3,500 दलित छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक जीवन पर भारी खतरा मंडरा रहा है. मायावती ने एक पोस्ट में कहा, “चूंकि माननीय मुख्यमंत्री जी के विशेष प्रयासों से ही अलीगढ़ का उक्त विश्वविद्यालय स्थापित हुआ है, इसलिए आशा है कि वह इसके सुचारु संचालन में रूचि लेकर खासकर हजारों दलित छात्र/छात्राओं की गंभीर समस्या का तत्काल समाधान निकालेंगे.
 
राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में स्थित एक राज्य विश्वविद्यालय है, जिसका 14 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया था. इस विश्वविद्यालय से संबद्ध कई जिलों के कॉलेजों में पढ़ने वाले दलित और जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिलती है. कुछ छात्रों ने शिकायत की है कि उनके छात्रवृत्ति फॉर्म विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं.