मनोनीत प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत: दो दशक के अनुभव के साथ CJI के पद पर नियुक्त

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-10-2025
Chief Justice-designate Suryakant: Appointed to the position of CJI with two decades of experience.
Chief Justice-designate Suryakant: Appointed to the position of CJI with two decades of experience.

 

नई दिल्ली

जल्द ही भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति सूर्यकांत अपने दो दशकों के अनुभव का खजाना लेकर शीर्ष न्यायिक पद पर बैठेंगे। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, बिहार मतदाता सूची में संशोधन, पेगासस स्पाइवेयर जांच, भ्रष्टाचार और लैंगिक समानता से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं।

प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सोमवार को केंद्र को न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की। सीजेआई गवई की सेवानिवृत्ति के बाद 24 नवंबर, 2025 से वे प्रधान न्यायाधीश पद संभालेंगे। उनकी सेवानिवृत्ति 9 फरवरी, 2027 को होगी, जिससे उनका कार्यकाल लगभग 15 महीने का रहेगा।

हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी, 1962 को जन्मे सूर्यकांत मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान से पूरी की। वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के कई महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे और 5 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 2019 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

सर्वोच्च न्यायालय में उनके महत्वपूर्ण योगदान में शामिल हैं:

  • अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों से जुड़े मामले

  • बिहार मतदाता सूची में गहन समीक्षा के निर्देश

  • गैरकानूनी तरीके से हटाई गई महिला सरपंच को बहाल करना

  • बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करना

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए समिति नियुक्त करना

  • ‘वन रैंक-वन पेंशन’ योजना को वैध ठहराना

  • चार धाम परियोजना को राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन के साथ बरकरार रखना

  • पॉडकास्टर और स्टैंड-अप कॉमेडियन को अभद्र टिप्पणी के लिए फटकार लगाना

  • मध्य प्रदेश के मंत्री की टिप्पणी पर फटकार

  • सीबीआई द्वारा आबकारी नीति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का फैसला

  • पितृत्व विवादों में डीएनए परीक्षण के दौरान गोपनीयता के उल्लंघन से सावधान रहने के निर्देश

सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति के बाद से न्यायमूर्ति सूर्यकांत 300 से अधिक पीठों का हिस्सा रहे हैं और आपराधिक, संवैधानिक एवं प्रशासनिक कानून में योगदान दिया है। वे पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच और एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों की पीठ में भी शामिल रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने पर उन्हें लगभग 90,000 लंबित मामलों के निपटारे की चुनौती का सामना करना होगा।