Chamoli Avalanche: 49 trapped people rescued so far, says Uttarakhand government, CM Dhami monitoring rescue ops
चमोली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हवाई सर्वेक्षण किया और दिल्लीहरादून में स्थापित आपदा नियंत्रण कक्ष में चमोली हिमस्खलन में बचाव कार्यों का जायजा लिया. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक, 55 श्रमिकों में से 49 को शनिवार दोपहर तक बचा लिया गया है. शुक्रवार को राज्य के चमोली जिले में हिमस्खलन के बाद कुल 55 सीमा सड़क संगठन के निर्माण श्रमिक बर्फ के नीचे फंस गए थे.
हिमस्खलन ने गढ़वाल सेक्टर के माना गांव के पास एक जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) शिविर को अपनी चपेट में ले लिया. उत्तराखंड सरकार के अनुसार 55 श्रमिकों में से 49 को शनिवार दोपहर तक बचा लिया गया है. भारतीय सेना के एक प्रारंभिक बयान के अनुसार, 28 फरवरी को सुबह लगभग 7.15 बजे हिमस्खलन हुआ और माना और बद्रीनाथ के बीच स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) श्रमिक शिविर इसकी चपेट में आ गया आइबेक्स बिगेड के 100 से अधिक कर्मियों को तत्काल भेजा गया, जिसमें डॉक्टर, एम्बुलेंस और प्लांट उपकरण शामिल थे और सुबह 1150 बजे तक टीमों ने पांच कंटेनरों का पता लगा लिया और 10 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचा लिया, जो सभी जीवित थे.
बचाए गए 10 लोगों में से चार की हालत गंभीर बताई गई है, सेना के शुरुआती बयान में कहा गया है. फंसे हुए व्यक्तियों को बचाने के उद्देश्य से शेष तीन कंटेनरों के लिए खोज अभियान जारी है. शनिवार को मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमस्खलन स्थल से 23 से अधिक श्रमिकों को बचाया गया है और उनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए जोशीमठ ले जाया गया है. "... घटनास्थल पर 8 कंटेनर थे, जिनमें से पांच का पता लगा लिया गया है. आज सुबह बचाए गए 14 लोग भी एक कंटेनर में थे. शेष तीन कंटेनरों का पता लगाने के लिए अभियान चल रहा है..." धामी ने कहा. धामी ने कहा, "आज सुबह 14 और लोगों को बचाया गया और अब बचाए गए लोगों की कुल संख्या 48 हो गई है.
सात लोग अभी भी नहीं मिले हैं और उन्हें भी खोजने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं..." उत्तराखंड सरकार की ओर से बाद में जारी बयान में कहा गया कि 49 लोगों को बचाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि "अधिक बर्फबारी के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण है. लगातार बर्फबारी के कारण क्षेत्र के पांच से अधिक ब्लॉकों में बिजली या इंटरनेट नहीं है. हम जल्द से जल्द क्षेत्र में कनेक्टिविटी बहाल करेंगे." उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, "बचाव अभियान के लिए 200 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है... 23 से अधिक लोगों को उपचार के लिए जोशीमठ ले जाया गया है. कुछ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश ठीक हैं... प्रधानमंत्री ने आज सुबह बचाव अभियान का जायजा लिया. उन्होंने सभी आवश्यक मदद का आश्वासन दिया है..." प्रदेश भर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में काम कर रहे सभी लोगों को अलर्ट पर रखा गया है... बहुत जरूरी न हो तो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में काम बंद करने के निर्देश दिए गए हैं... बर्फबारी के कारण अलकनंदा में पानी का बहाव लगभग थम गया है. धामी ने कहा
एक्स पर एक पोस्ट में धामी ने कहा, "चमोली जिले के माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और मौके पर चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान सुरक्षित निकाले गए श्रमिकों का हालचाल जाना. साथ ही बचाव कार्य में लगे सैन्य अधिकारियों और प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. संकट की इस घड़ी में प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार भी बचाव कार्यों में पूरा सहयोग दे रही है. हमारी डबल इंजन सरकार हर परिस्थिति में नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है." भारतीय सेना ने शनिवार सुबह कहा कि 14 और कर्मियों को बचा लिया गया और हिमस्खलन स्थल से निकाल लिया गया. भारतीय सेना की मध्य कमान के एक बयान के अनुसार, खोज और बचाव अभियान 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहा और मौसम में थोड़ी राहत के साथ, तीन घायल कर्मियों को भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिए गए नागरिक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से गंभीर चिकित्सा के लिए माना से जोशीमठ ले जाया गया. सेना के बयान में कहा गया है कि बचाव कार्यों के लिए विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से सभी उपलब्ध उपकरण और कर्मियों को लगाया जा रहा है. जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने शनिवार को कहा कि राज्य के चमोली जिले के माना गांव के पास हुए हिमस्खलन में बर्फ के नीचे फंसे आठ लोगों को बचाने के लिए सेना के चार हेलिकॉप्टरों को बचाव अभियान में लगाया गया है.