आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्र ने मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न होने से रोकने के वास्ते पूरे भारत में दूषित स्थलों की पहचान और सफाई के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं.
पर्यावरण संरक्षण (दूषित स्थलों का प्रबंधन) नियम, 2025 शीर्षक से बृहस्पतिवार को अधिसूचित इन नियमों का उद्देश्य मिट्टी, तलछट और पानी में खतरनाक और विषाक्त पदार्थों के संपर्क को रोकना है.
नियमों का उद्देश्य ऐसे स्थलों की पहचान करने, प्रदूषण फैलाने वालों को जवाबदेह बनाने तथा जोखिम के आकलन के आधार पर वैज्ञानिक सफाई सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित तंत्र स्थापित करना है.
नए नियम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और स्थानीय प्राधिकारियों को औद्योगिक गतिविधियों, ऐतिहासिक अपशिष्ट डंपों या सामुदायिक शिकायतों के आधार पर संदिग्ध दूषित स्थलों की पहचान करने और उन्हें सूचीबद्ध करने का अधिकार देते हैं.
इन स्थलों का मानचित्रण किया जाएगा तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा विकसित एक केन्द्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उन पर नजर रखी जाएगी.
नयी नियमावली के मुताबिक, ‘‘राज्य बोर्ड ऐसे सभी स्थलों को संदिग्ध दूषित स्थलों के रूप में केन्द्रीयकृत ऑनलाइन पोर्टल पर सूचीबद्ध करेंगे’’ तथा आकलन की एक श्रृंखला शुरू करेंगे.