नई दिल्ली
पूर्व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की सराहना करते हुए इसे “साहसिक और दूरदर्शी कदम” बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा कि यह सुधार कर ढांचे को सरल बनाने और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है।
अमिताभ कांत ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा – “यह एक मील का पत्थर साबित करने वाला सुधार है। जीएसटी दरों को घटाकर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत करना बेहद साहसिक और दूरदर्शी कदम है। संरचना को सरल बनाना, दरों का युक्तिकरण करना और इनवर्टेड ड्यूटी को खत्म करना उपभोग को बढ़ावा देगा, क्षमता उपयोग को ऊंचा करेगा और नए निवेश को आकर्षित करेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी सुधारों से रोजगार सृजन और परिवारों की आय में वृद्धि होगी। “यह कदम रोजगार बढ़ाएगा, घरेलू आय को ऊंचा करेगा और विकास का सकारात्मक चक्र शुरू करेगा। मौजूदा समय में यह सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति देगा और सतत समृद्धि की ओर हमारी यात्रा को तेज करेगा। पीएम मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जीएसटी परिषद और राजस्व विभाग को बधाई।”
गौरतलब है कि बुधवार को हुई 56वीं जीएसटी परिषद बैठक में दरों का युक्तिकरण करते हुए 12 और 28 प्रतिशत की श्रेणियों को मिलाकर सिर्फ दो स्लैब 5 और 18 प्रतिशत तय किए गए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अब दैनिक घरेलू उपभोग की वस्तुएं सस्ती होंगी। हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश और शेविंग क्रीम जैसी चीज़ें, जो पहले 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में थीं, अब केवल 5 प्रतिशत पर उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है। किसानों और कृषि क्षेत्र को भी बड़ी राहत दी गई है। ट्रैक्टर और उसके पुर्ज़े, जिन पर पहले 12 और 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, अब सिर्फ 5 प्रतिशत की दर से टैक्स किए जाएंगे।