Blaming India for attacks on places of worship is proof of Pakistan's nefarious intentions: Misri
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में पूजा स्थलों पर पाकिस्तान का हमला और इसका दोष भारतीय सशस्त्र बलों पर मढ़ने का उसका “बेतुका” प्रयास स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने की इस्लामाबाद की नापाक मंशा और दुनिया को धोखा देने एवं गुमराह करने की उसकी कोशिशों को दर्शाता है.
मिसरी ने अमृतसर में एक गुरुद्वारे पर पाकिस्तान के हमले और इसका दोष भारतीय सशस्त्र बलों पर मढ़ने के उसके प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामाबाद की यह सोच कि भारत खुद के शहरों पर हमला करेगा, एक तरह की “विक्षिप्त कल्पना” है, जो केवल पाकिस्तान ही कर सकता है. विदेश सचिव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बृहस्पतिवार रात ड्रोन का इस्तेमाल कर भारतीय शहरों और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की पाकिस्तान की भड़काऊ और आक्रामक कार्रवाई की आलोचना की.
मिसरी ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेने से “हास्यास्पद रूप से इनकार करने” के लिए पाकिस्तान पर खास तौर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह इस्लामाबाद के “दोहरे मानदंड” और “दुष्प्रचार फैलाने के प्रयास” में “और निचले स्तर तक गिरने” का एक और उदाहरण है. मिसरी ने पुंछ और अमृतसर में पूजा स्थलों पर पाकिस्तान के हमलों का जिक्र किया। उन्होंने हालात को सांप्रदायिक रंग देने के मकसद से धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की.
विदेश सचिव ने कहा, “पाकिस्तान ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेने के बजाय यह बेतुका और अपमानजनक दावा किया कि भारतीय सशस्त्र बल अमृतसर जैसे शहरों को निशाना बना रहे हैं और इसका दोष पाकिस्तान पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “यह न सिर्फ पाकिस्तान का अपने आक्रामक कृत्यों से पल्ला झाड़ने, बल्कि दुनिया को धोखा देने एवं उसे गुमराह करने का भी एक हताशा भरा प्रयास है. यह सफल नहीं होगा.”
मिसरी ने कहा कि “हम अपने ही शहरों पर हमला करेंगे” ऐसी विक्षिप्त कल्पना है, जो केवल पाकिस्तान ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि शायद वे (पाकिस्तान) ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि इतिहास गवाह है कि वे इस तरह के काम करने में माहिर हैं. मिसरी ने पाकिस्तान के इस आरोप को “सरासर झूठ” करार दिया कि भारत ने ड्रोन का इस्तेमाल कर ननकाना साहिब गुरुद्वारे को निशाना बनाया.
उन्होंने कहा, “यह एक और बड़ा झूठ है और पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है। जैसा कि हमने पहलगाम हमले में देखा, पाकिस्तान अशांति पैदा करने के इरादे से स्थिति को फिर से सांप्रदायिक रंग देने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.” विदेश सचिव ने कहा, “हम इस बार भी हैरान नहीं हैं। भारत की दृढ़ एकता अपने आप में पाकिस्तान के लिए एक चुनौती है.” उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए करतारपुर साहिब कॉरीडोर को बंद कर दिया गया है. बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ मरकज सुभान अल्लाह पर भारत के हमलों के बारे में मिसरी ने कहा कि आतंकवादी संगठन “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से” डेनियल पर्ल की मौत के लिए जिम्मेदार है.
डेनियल पर्ल अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के पत्रकार थे, जिनकी पाकिस्तान में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. एक सवाल के जवाब में मिसरी ने कहा, “बहावलपुर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है. जैश प्रमुख मसूद अजहर भी प्रतिबंधित व्यक्ति है.” उन्होंने कहा, “आपने ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के डेनियल पर्ल की दुखद मौत या हत्या से संबंध का मुद्दा उठाया. जैश-ए-मोहम्मद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डेनियल पर्ल की मौत के लिए जिम्मेदार था.” विदेश सचिव ने कहा, “लेकिन असली संबंध अहमद उमर सईद शेख के माध्यम से है, जो ब्रिटिश-पाकिस्तानी जिहादी था, जिसे भारत में पकड़ लिया गया था, लेकिन अंततः 2000 में रिहा कर दिया गया था। शेख वह व्यक्ति था, जो डेनियल पर्ल को मौत की तरफ खींच ले गया था.”