पटना
बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शिक्षकों की भर्ती में अधिवास नीति लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे राज्य के ‘‘मूल निवासियों’’ के लिए लगभग 85 प्रतिशत पद आरक्षित हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि स्कूली शिक्षकों की भर्ती के लिए यह नीति लागू की जाएगी।
कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा, ‘‘शिक्षकों की भर्ती परीक्षाओं में राज्य के मूल निवासियों को वरीयता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के निवासियों के लिए पहले से ही 50 प्रतिशत से अधिक सीट आरक्षित हैं क्योंकि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लगभग 50 प्रतिशत है, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित है।’’
सिद्धार्थ ने कहा कि 35 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और सरकार पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि उस आरक्षण में केवल राज्य के निवासियों को ही जगह दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘शेष सीट में से 40 प्रतिशत अब बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, जिन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं कक्षा राज्य में ही पूरी की है। इस प्रकार मूल निवासियों के लिए आरक्षण प्रभावी रूप से 85 प्रतिशत से अधिक होगा।’’