बेल्जियम की शीर्ष अदालत ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी, सभी आपत्तियां खारिज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-12-2025
Belgium's top court has approved the extradition of Mehul Choksi, rejecting all objections.
Belgium's top court has approved the extradition of Mehul Choksi, rejecting all objections.

 

नई दिल्ली

भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बड़ा झटका देते हुए बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत (कोर्ट ऑफ कैसैशन) ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर उसकी अपील को खारिज कर दिया है। अदालत ने चोकसी द्वारा उठाई गई सभी आपत्तियों को बेबुनियाद करार देते हुए स्पष्ट किया कि उसने ऐसा कोई कानूनी या तथ्यात्मक आधार प्रस्तुत नहीं किया, जिससे पहले के प्रत्यर्पण आदेश में हस्तक्षेप किया जा सके।

अपने फैसले में बेल्जियम की शीर्ष अदालत ने 17 अक्टूबर 2025 को एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील की चैंबर ऑफ इंडिक्टमेंट के फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया घरेलू कानून और यूरोपीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप है।

कोर्ट ने चोकसी द्वारा उठाए गए तीनों प्रमुख तर्कों को खारिज कर दिया—

  1. निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के उल्लंघन का दावा,

  2. अपहरण किए जाने का आरोप,

  3. भारत की जेलों में अमानवीय व्यवहार की आशंका

निष्पक्ष सुनवाई को लेकर अदालत ने कहा कि प्रारंभिक चरण में दस्तावेज उपलब्ध न होने से जुड़ी शिकायतें अपील स्तर पर पूरी तरह दूर कर दी गई थीं। अदालत ने माना कि चैंबर ऑफ इंडिक्टमेंट को पूर्ण अधिकार प्राप्त हैं और वहां प्रतिवादी को सभी जरूरी दस्तावेज और दलीलें पेश करने का अवसर मिला। इसलिए यूरोपीय मानवाधिकार संधि के अनुच्छेद-6 के उल्लंघन का कोई मामला नहीं बनता।

अपहरण के आरोप पर अदालत ने कहा कि इंटरपोल की फाइल नियंत्रण आयोग (CCF) के फैसले को निचली अदालत ने केवल साक्ष्य के रूप में परखा था। चूंकि वह निर्णय सशर्त और सतर्क भाषा में दिया गया था, इसलिए साक्ष्यों का मूल्यांकन निचली अदालत का अधिकार क्षेत्र है और शीर्ष अदालत इसमें दोबारा हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

भारत में कथित यातना या अमानवीय व्यवहार की आशंका पर अदालत ने भारत सरकार की ठोस गारंटी को स्वीकार किया। फैसले में कहा गया कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां सुरक्षित वार्ड, अलग सेल और निजी स्वच्छता की सुविधा होगी। साथ ही वह न्यायिक अदालतों के अधीन रहेगा, न कि जांच एजेंसियों के।

अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि चोकसी भारत प्रत्यर्पण की स्थिति में अपने लिए किसी वास्तविक, मौजूदा और व्यक्तिगत खतरे को साबित करने में असफल रहा। सभी कानूनी औपचारिकताओं को सही पाते हुए अदालत ने अपील खारिज कर दी और चोकसी पर 104.01 यूरो का जुर्माना भी लगाया।

गौरतलब है कि मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी, पंजाब नेशनल बैंक से लगभग 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के आरोपी हैं। भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ कई चार्जशीट दाखिल कर चुके हैं और कई गैर-जमानती वारंट अभी भी लंबित हैं।