सामाजिक उत्थान के एक नए अध्याय का साक्षी बन रहा है अयोध्या: राज्यपाल पटेल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-12-2025
Ayodhya is witnessing a new chapter of social upliftment: Governor Patel
Ayodhya is witnessing a new chapter of social upliftment: Governor Patel

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक ऊर्जा और लोकमंगल की त्रिवेणी भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या आज सामाजिक उत्थान के एक नए और प्रेरक अध्याय की साक्षी बन रही है।
 
राजभवन ने एक बयान में कहा कि पटेल ने यज्ञ में आहुति देकर अयोध्या जिले में श्री गणपति सच्चिदानंद आश्रम की 104वीं शाखा की विधिवत शुरुआत की और मंच पर विराजमान राम दरबार की प्रतिमाओं का पूजन-अर्चन किया।
 
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि पूज्य स्वामी श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी द्वारा स्थापित यह आध्यात्मिक एवं सामाजिक केंद्र भगवान दत्तात्रेय के दिव्य सिद्धांतों पर आधारित है और आध्यात्मिक साधना के साथ-साथ मानव सेवा, करुणा, संवेदना और सामाजिक उत्तरदायित्व का एक सशक्त केंद्र है।
 
उन्होंने कहा कि अयोध्या की पावन भूमि पर इस इकाई की स्थापना न केवल ऐतिहासिक और प्रेरणादायी है, बल्कि भारतीय सनातन परंपरा, ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना और सांस्कृतिक विरासत को सुदृढ़ करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
 
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन की पहल से अयोध्या में लोक कल्याण से जुड़े अनेक दूरगामी, परिवर्तनकारी और प्रभावशाली कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं जिनका सीधा लाभ समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंच रहा है।
 
उन्होंने कहा कि मातृशक्ति और बालशक्ति के सशक्तीकरण को केंद्र में रखते हुए राजभवन की पहल से अयोध्या में अब तक लगभग 2400 आंगनबाड़ी किट का वितरण किया जा चुका है।
 
राज्यपाल ने कहा कि अयोध्या धाम क्षेत्र में पूर्व में एक भी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं था, लेकिन इस सामाजिक रिक्तता को अवसर में परिवर्तित करते हुए उनकी पहल पर अयोध्या धाम में 70 नवसृजित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई।
 
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राथमिक विद्यालय के बच्चों तथा भिक्षावृत्ति से शिक्षा की ओर उन्मुख बच्चों को अयोध्या का शैक्षिक एवं सांस्कृतिक भ्रमण कराया गया।
 
उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने मात्र एक माह के अल्पकालिक प्रशिक्षण के बाद राज्य की गणतंत्र दिवस परेड में सहभागिता करते हुए बैंड प्रतियोगिता में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा किसी परिस्थिति की मोहताज नहीं होती, उसे केवल अवसर और विश्वास की आवश्यकता होती है।