नई दिल्ली
भारत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि रूस-भारत-चीन (आरआईसी) तंत्र को फिर से सक्रिय करने का निर्णय तीनों देशों की पारस्परिक सुविधा और सहमति पर निर्भर करेगा।
भारत का यह बयान उस समय आया है जब कुछ ही घंटे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बीजिंग आरआईसी तंत्र को पुनर्जीवित करने की रूस की पहल का समर्थन करता है। चीन ने तर्क दिया कि यह त्रिपक्षीय सहयोग न केवल तीनों देशों के हित में है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता के लिए भी आवश्यक है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा,“यह एक ऐसा परामर्श मंच है जहां तीनों देश आपसी हितों से जुड़े वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। जहां तक इस प्रारूप की बैठक आयोजित करने का सवाल है, यह तभी संभव है जब तीनों देशों को समय और सुविधा अनुकूल हो।”
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, फिलहाल आरआईसी बैठक को लेकर कोई सहमति नहीं बनी है और न ही इसके कार्यक्रम पर चर्चा चल रही है।
उधर, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा,“चीन-रूस-भारत सहयोग न केवल तीनों देशों के हितों की पूर्ति करता है, बल्कि यह क्षेत्र और विश्व में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और प्रगति को बनाए रखने में भी मददगार है। हम रूस और भारत के साथ मिलकर इस त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए संवाद बनाए रखने को तैयार हैं।”