नई दिल्ली
भारत ने गुरुवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से पृथ्वी-II और अग्नि-I शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों (SRBM) का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इन परीक्षणों के दौरान सभी संचालनात्मक और तकनीकी मानकों की पुष्टि की गई। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड की देखरेख में किया गया।
इससे पहले, 16 जुलाई को भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी, जब लद्दाख में 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर भारतीय सेना के लिए उन्नत ‘आकाश प्राइम’ प्रणाली द्वारा दो हाई-स्पीड मानवरहित हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आकाश प्राइम में नवीनतम तकनीकी अपग्रेड किए गए हैं, जिनमें स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ़्रीक्वेंसी सीकर शामिल है। यह प्रणाली विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए डिजाइन की गई है। संचालनात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर कई सुधार किए गए हैं, जो स्वदेशी हथियार प्रणाली के लिए तैयार किए गए पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती को दर्शाता है।
आर्मी एयर डिफेंस, डीआरडीओ, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और अन्य उद्योग साझेदारों के सहयोग से आकाश प्राइम का सफल सत्यापन किया गया। यह पहले उत्पादन मॉडल फायरिंग ट्रायल का हिस्सा था, जो समय पर सेना में शामिल होने और देश की वायु रक्षा क्षमता को और बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह उपलब्धि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों के असाधारण प्रदर्शन के तुरंत बाद आई है, जिससे यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यह भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम में एक बड़ा कदम है, जिसने अब वैश्विक रक्षा बाजार का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना, डीआरडीओ और उद्योग साझेदारों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता उच्च ऊंचाई पर वायु रक्षा क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने भी टीम को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह मिसाइल देश की महत्वपूर्ण एयर डिफेंस जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।