नई दिल्ली
भारत सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना अटल पेंशन योजना (APY) ने एक अहम मील का पत्थर पार करते हुए कुल पंजीकरण की संख्या 8 करोड़ को पार कर लिया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 में योजना में 39 लाख नए सदस्यों को जोड़ा गया है, जो देश में पेंशन कवरेज को लेकर बढ़ती जागरूकता और भागीदारी को दर्शाता है।
पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित यह योजना गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इसे हर भारतीय के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
मंत्रालय ने बताया कि इस योजना की सफलता के पीछे देश के सभी बैंकों, डाक विभाग (DoP), राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBCs/UTLBCs) और भारत सरकार के निरंतर सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। PFRDA ने जागरूकता अभियानों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, बहुभाषी प्रचार सामग्री, मीडिया कैंपेन और नियमित समीक्षा के ज़रिए योजना के प्रचार-प्रसार को गति दी है।
अटल पेंशन योजना की खासियत यह है कि इसमें 60 वर्ष की आयु के बाद प्रतिमाह ₹1,000 से ₹5,000 तक की गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। यदि योजना में शामिल व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उतनी ही पेंशन जीवनसाथी को मिलती है, और दोनों की मृत्यु के बाद नामित व्यक्ति को संचित राशि वापस दी जाती है।
यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, बशर्ते वे आयकरदाता न हों। योजना को इस तरह तैयार किया गया है कि यह सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत को प्रोत्साहित करती है, और इसमें मिलने वाला पेंशन लाभ व्यक्ति की आयु व योगदान राशि पर आधारित होता है।
डिजिटल एकीकरण, महिला सहभागिता और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच पर सरकार का विशेष ध्यान अटल पेंशन योजना के विस्तार में सहायक रहा है, जिससे यह योजना देशभर में और अधिक लोगों तक पहुंच बना रही है।