अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने युवाओं को ऊंचे सपने देखने के लिए प्रेरित किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 31-10-2025
Astronaut Shubhanshu Shukla inspires youth to dream big and aim high
Astronaut Shubhanshu Shukla inspires youth to dream big and aim high

 

कुशीनगर (उप्र)

इन-स्पेस मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट प्रतियोगिता के दौरान भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने सपनों को सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने का साहस करना चाहिए। उन्होंने कहा, “जब मैं आपकी उम्र का था, तब मुझे नहीं पता था कि अंतरिक्ष विज्ञान की यह दुनिया कितनी विशाल है। आप लोग जिस काम में लगे हैं, वह वाकई प्रेरणादायक है।”

यह प्रतियोगिता भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित की गई थी। चार दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में देशभर की 67 छात्र टीमों ने भाग लिया — जिनमें 31 टीमें मॉडल रॉकेटरी और 36 टीमें कैनसैट श्रेणी से थीं। कुल 600 से अधिक छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया।

तुमकुहीराज में नारायणी नदी के किनारे बने अस्थायी लॉन्चपैड से कुल 37 सफल प्रक्षेपण किए गए, जिनमें 13 मॉडल रॉकेटरी और 24 कैनसैट श्रेणी के थे।

प्रतियोगिता में आर. वी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बेंगलुरु) और एस. वी. के. एम. एवं द्वारकादास जे. सांगवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (मुंबई) ने क्रमशः मॉडल रॉकेटरी और कैनसैट श्रेणियों में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कानपुर) और निरमा यूनिवर्सिटी (अहमदाबाद), जबकि कैनसैट श्रेणी में दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बेंगलुरु) और बिट्स पिलानी (हैदराबाद) रहे।

छात्रों को संबोधित करते हुए शुक्ला ने कहा,“आप वह कर रहे हैं जो लाखों बच्चों का सपना होता है। आपने जो हासिल किया है, उस पर गर्व करें, क्योंकि यह आसान नहीं है। चाहे आपका रॉकेट आसमान तक न भी पहुंचे, आपके सपने ज़रूर पहुंचेंगे।”

उन्होंने टीम वर्क की अहमियत पर भी जोर देते हुए कहा, “कोई भी व्यक्ति अकेले अंतरिक्ष में नहीं जा सकता। हर मिशन टीम के सामूहिक प्रयास से ही संभव होता है।”

कार्यक्रम के समापन अवसर पर इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका, देवरिया के सांसद शशांक मणि, और आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क) के निदेशक ए. के. अनिल कुमार भी मौजूद थे।

गोयनका ने कहा कि यह प्रतियोगिता प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य भारत में भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए नई प्रतिभाओं को तैयार करना है।