गुवाहाटी. असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने शनिवार को कहा कि आज राज्य कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चर्चा होगी. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) मंत्री ने कहा, ‘‘असम के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की भी आवश्यकता है. आज राज्य कैबिनेट की बैठक होगी और कैबिनेट बैठक में यूसीसी पर चर्चा होगी.’’
हाल ही में, उत्तराखंड राज्य विधानसभा ने समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया.
बरुआ ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यूसीसी विधेयक असम में लागू होगा. यूसीसी को असम में लागू किया जा सकता है, लेकिन आदिवासी लोगों के लिए कुछ छूट होगी.” मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बारे में बात करते हुए असम के मंत्री ने कहा, ‘‘देश के भविष्य के लिए कई और फैसले लेना जरूरी है. लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार कई और बड़े फैसले लेगी और भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाएगी.’’
असम लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) मंत्री ने शनिवार को गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों के लिए जल और स्वच्छता संदेश पुस्तिका लॉन्च की. असम के मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग दोनों ने मिलकर स्कूली छात्रों के लिए इस पर काम किया है.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का अर्थ है कि समाज के सभी वर्गों, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, के साथ राष्ट्रीय नागरिक संहिता के अनुसार समान व्यवहार किया जाएगा, जो सभी पर समान रूप से लागू होगा. वे विवाह, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और संपत्ति के उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करते हैं.
शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस वित्तीय वर्ष के लिए राज्य के बजट की प्रस्तुति से पहले एक तैयारी बैठक की अध्यक्षता की. वित्त मंत्री नियोग 12 फरवरी को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश करने के लिए तैयार हैं.
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