Assam government signs pact with British Museum for 'Vrindavani Vastra' based on Lord Krishna
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
असम सरकार ने भगवान कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाले 16वीं शताब्दी के रेशम से बने ‘वृंदावनी वस्त्र’ को 2027 में राज्य में प्रदर्शित करने के लिए ब्रिटिश संग्रहालय, लंदन के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी।
वृंदावनी वस्त्र का निर्माण कोच राजा नर नारायण के अनुरोध पर असमिया संस्कृति के वाहक माने जाने वाले श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में किया गया था। इसमें राजा की लिखी एक कविता का अंश भी शामिल है।
यह वस्त्र साढ़े नौ मीटर लंबा है और रेशम के कई टुकड़ों से बना है। इसे ब्रिटिश संग्रहालय ने 1904 में तिब्बत से प्राप्त किया था।
मुख्यमंत्री शर्मा की उपस्थिति में सोमवार को लंदन में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वृंदावनी वस्त्र केवल एक वस्त्र नहीं है; यह असम की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की भक्ति और दूरदर्शिता को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा कि एक अमूल्य विरासत वहीं लौटती है जहां से वह वास्तव में जुड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उधार व्यवस्था के तहत इसे वापस लाने के लिए ब्रिटिश संग्रहालय के साथ आशय पत्र पर हस्ताक्षर एक ऐतिहासिक क्षण है जो असम की कालातीत विरासत से हमारे जुड़ाव को और मज़बूत करता है।’’
इस वस्त्र को पहली बार राज्य में प्रदर्शित किया जाएगा।